UP Politics: बीजेपी से बढ़ती नजदीकियों पर सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने बड़ा बयान दिया है. वाराणसी सर्किट हाउस में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हुई मुलाकात को सुभासपा प्रमुख ने खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि दोनों नेता एक ही जगह रुके थे लेकिन मुलाकात नहीं हुई. दिल्ली में बीजेपी आलाकमान के साथ बैठक पर उन्होंने कहा कि ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद मिलना होगा. बीजेपी और सुभासपा के बीच गठबंधन में सीट बंटवारे पर ओम प्रकाश राजभर की शर्त है. उन्होंने कहा कि यूपी में आठ लोकसभा सीट सुभासपा को चाहिए. सुभासपा प्रमुख ने कहा कि पूर्वांचल की 32 लोकसभा सीटों पर 50 हज़ार से लेकर 2 लाख तक राजभर वोटर हैं.  


गठबंधन में दोनों दलों को फायदा होता है. उन्होंने कहा कि फिलहाल बीजेपी से गठबंधन की कोई बात नहीं है. ओम प्रकाश राजभर ने सपा, बसपा, कांग्रेस, जेडीयू और लोकदल के एकसाथ आने को प्राथमिकता बताई. उन्होंने विपक्षी पार्टियों के साथ गठबंधन में आने पर रजामंदी जाहिर की. ऐसा नहीं होने पर दूसरा विकल्प भी तैयार हो रहा है. उन्होंने एक और गठबंधन बनने का संकेत दिया. ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि सुभासपा को दिल्ली में सरकार नहीं बनानी है. प्रभाव क्षेत्र का प्रतिनिधित्व संसद में जरूर चाहते हैं.


यूनिफॉर्म सिविल कोड नहीं है विवाद का मुद्दा
जातीय जनगणना के मुद्दे पर ओपी राजभर ने कहा कि 29 दल हैं, सबकी अपनी-अपनी विचारधारा है. यूनिफॉर्म सिविल कोड को ओपी राजभर विवाद का मुद्दा नहीं मानते. उन्होंने कहा कि 10- 15 दिनों बाद चर्चा खत्म हो जाती है. 6 साल में 200 से अधिक विवादित मुद्दे आये. विपक्ष को यूसीसी से समस्या होने पर एकजुट हो जाना चाहिए. बीजेपी को दोष देने से पहले विपक्षी दलों को एकसाथ आना चाहिए. सपा ने कांग्रेस के साथ गठबंधन में सरकार चला चुकी है.


रक्षा मंत्रालय का पद सपा के खाते में रहा. आज कांग्रेस की सरकार बनने पर सपा रेल मंत्रालय, गृह मंत्रालय मांगेगी. बीजेपी के समर्थन से सपा की सरकार नहीं बनी? क्या बसपा ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार नहीं बनाई? चार बार सपा बसपा को सत्ता मिली. 40 साल कांग्रेस सत्ता में रही. क्या वजह है कि जनता ने नकार दिया. उस पर नहीं सोचा जा रहा है. विपक्ष को ओम प्रकाश राजभर की बातें कड़वी लगती हैं.


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