UP News: सुभासपा (SBSP) में बीते कुछ दिनों से काफी नेताओं ने बगावती दिखाने शुरू कर दिए हैं. नेताओं के बागी तेवर पर गुरुवार को पार्टी प्रमुख ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) का बयान आया है. ओपी राजभर से जब बागी नेताओं को लेकर सवाल किया गया तो वे समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर भड़क गए.
ओम प्रकाश राजभर ने अखिलेश यादव को धोखेबाज बताते हुए कहा, "अंगुर जब पेड़ में फरता है और लोमड़ी नहीं पाती है तो कहती है कि अंगुर खट्टे हैं. जो लड़ाई हम लड़ रहे हैं ये लड़ाई महात्मा गौतम बुद्ध और ज्योतिबा फुले की है. जब इस देश में वर्ण व्यवस्था बनी तो चार वर्ग आया था. इसमें पिछड़ों को शिक्षा नहीं देने की बात कही गई. ये कौन पिछड़े थे. इस पिछड़ों की लड़ाई को लेकर उन्होंने अपनी लड़ाई शुरू की थी."
सुभासपा प्रमुख ने आगे कहा, "तब उनके पिता ने ही उन्हें घर से बाहर कर दिया था. अगर महात्मा ज्योतिबा फुले अगर अपने पिता की बात मानकर लौट गए होते हम आपके सामने बयान नहीं दे रहे होते. बाबा साहेब अंबेडकर का भी विरोध हुआ था, अब उनका बनाया हुआ संविधान पूरा देश पढ़ रहा है. अब कोई बात हो रही है तो संविधान के दायरे में सारे काम हो रहे हैं."
इन नेताओं का लिया नाम
ओपी राजभर ने कहा, "हम जो लड़ाई लड़ रहे हैं उस रास्ते से भटकाने के लिए ये नुकसान किया जा रहा है. सपा चार बार सरकार में थी, तब पिछड़ी जातियों को कितना सिपाही बनाए थे. सौ फिसदी सपा इस टूट के पीछे है. सपा सुभासपा की बढ़ती हुई लोकप्रियता से परेशान है. इसका मैं सबुत दूंगा. उनके नौ रत्नों में दो रत्न सुभासपा को तोड़ने में लगे हुए हैं. एक रत्न मऊ का है और एक लखनऊ का रत्न है, जो एक पर्चा नहीं भर पाया."
उन्होंने कहा, "जो अपना बूथ नहीं जीता सके, वे हमारा मुकाबला करने आए हैं. वे लोग अपनी-अपनी पार्टी बचा लें. ये अखिलेश यादव के नव रत्न हैं. लखनऊ वे रत्न उदवीर सिंह हैं, बाद में वे भाग कर घर चले आए थे. वहां पर सपा के गुंड़ों ने ही उनकी पिटाई कर दी थी. मऊ वाला रत्न राष्ट्रीय प्रवक्ता है, जो विधानसभा में पैसा देकर टिकट मांग रहा था. लेकिन नहीं मिल सका. उसको मेरी पार्टी खत्म करने के लिए लगाया गया है."
सुभासपा प्रमुख ने कहा, "मऊ वाले तो राजीव राय हैं. इनकी पार्टी में राजभर नेताओं को भी लगाया गया है. अखिलेश यादव अगर अपने रत्न को भेंज कर समुद्र में से दो बाल्टी पानी निकाल लें तो क्या कम होगा. हमारे यहां से जो लोग गए हैं वो अखिलेश यादव से मिले हैं. अखिलेश यादव जैसा धोखेबाज कोई नहीं है. मेरे साथ उन्होंने धोखा किया है. चार महीना दौड़ा और केवल 12 सीट दी थी. मैं अखिलेश यादव को उनकी हैसियत बता दूंगा."
ये भी पढ़ें-