Rajya Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में होने वाले राज्यसभा के 10 सीटों के चुनाव पर अब सभी राजनीतिक दल अपने-अपने विधायकों को एकजुट करने में और अपने मनपसंद प्रत्याशी को वोट करने की तैयारी कर रहे हैं. इस दौरान एनडीए के सभी सहयोगियों के वोट को बीजेपी एक साथ पाना चाहती है. 2022 चुनाव में भाजपा से अलग हटकर चुनाव लड़ी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी मात्र 4 महीने बाद ही समाजवादी पार्टी के खेमे से अलग निकालकर दोबारा से एनडीए के पाले में आ गई है . 


इस महीने होने वाले राज्यसभा को चुनाव में एनडीए की कोशिश है कि वह अपने सभी 8 प्रत्याशियों को जिताए, इसके लिए उसे अपने सभी सहयोगियों का वोट सहित कुछ दूसरे खेमे में भी सेंधमारी करनी होगी. लेकिन सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का अंकगणित  6 विधायकों का है, लेकिन इसमें 50 फीसदी वोट ही फिक्स माना जा रहा है, बाकी पर मानमन्नवल जारी है.


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सुभासपा के अंदर खाने खलबली
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के सिंबल पर मऊ से विधायक अब्बास अंसारी विधायकी के कुछ दिनों बाद से ही जेल में है इसलिए उनका वोट देना मुश्किल है. वहीं सुभासपा के सिंबल पर जौनपुर की जाफराबाद सीट से चुनाव लड़े जगदीश नारायण राय भी सपा के खेमे के नहीं माने जाते हैं. इसके अलावा बस्ती की महादेवा विधानसभा सीट से विधायक दुधराम भी सपा के नेतृत्व के करीबी माने जाते हैं. इस कारण जो सुभासपा के अंदर खाने इस बात की खलबली है कि 6 वोटों में से कितने वोट अपने पास बचा के वो एनडीए के प्रत्याशी को दिला पाएगी.


इस बार हो रहे राज्यसभा के चुनाव में उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर चुनाव होना है, जिसमें 7 सीटें आसानी से बीजेपी जीत सकती है तो वहीं दो सीटें आसानी से समाजवादी पार्टी जीत सकती है. लेकिन इस बार समाजवादी पार्टी ने अपने तीन प्रत्याशी खड़े किए हैं तो वहीं बीजेपी ने अपने 8 प्रत्याशी खड़े किए हैं. अब देखना होगा की दसवीं सीट पर कौन प्रत्याशी जीत पता है और किस खेमे से क्रॉस वोटिंग होती है.