UP Politics: ऐसे ही नहीं हुई ओम प्रकाश राजभर की एनडीए में एंट्री, जानें- क्या है बीजेपी का गणित
UP News: ओम प्रकाश राजभर के साथ गठबंधन होने से बीजेपी पूर्वांचल में और मजबूत होगी. राजभर इस क्षेत्र में काफी सक्रिय रहते हैं और उनके पास ये ताकत है कि वो राजभर वोट को ट्रांसफर करा सकें.
Om Prakash Rajbhar Joins NDA: लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी में जुटी बीजेपी के एनडीए कुनबे में अब एक सहयोगी जुड़ गया है. रविवार को ओम प्रकाश राजभर के नेतृत्व वाली सुहेलदेव समाज पार्टी का एनडीए के साथ जुड़ गई. बीजेपी ने एक बड़ी रणनीति के तहत सुभासपा को अपने साथ जोड़ा है. इसकी वजह से है कि पूर्वांचल में बीजेपी को स्थिति थोड़ी कमजोर हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को इस क्षेत्र में छह सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था. बीजेपी ने इस बार यूपी की सभी 80 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. ऐसे में बीजेपी हर हाल में इस क्षेत्र में अपनी स्थिति को मजबूत करना चाहती हैं.
ओम प्रकाश राजभर के साथ गठबंधन होने से बीजेपी पूर्वांचल में और मजबूत होगी. 2019 लोकसभा चुनाव के आंकड़ों पर गौर करें तो पूर्वांचल कुल 26 लोकसभा सीट हैं. जिनमें से बीजेपी को छह सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था. ये सीटें थी, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, घोसी, गाजीपुर, लालगंज और जौनपुर. इनमें से आजमगढ़ से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चुनाव लड़ा था. इस सीट पर बीजेपी को बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ा था. जबकि दो सीटें ऐसी हैं जिन पर बीजेपी को बहुत कम अंतर से जीत हासिल हुआ थी.
राजभर के आने से एनडीए कुनबा होगा मजबूत
2019 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और बसपा ने मिलकर चुनाव लड़ा था. इस गठबंधन का सबसे ज्यादा असर आजमगढ़ और वाराणसी मंडल में ही देखने को मिला था. इन दो मंडलों में विपक्ष को पांच सीटों पर जीत मिली थी. आजमगढ़ में सपा बड़े अंतर से जीती थी, जबकि यहां की दो अन्य सीटों लालगंज और जौनपुर में बसपा को जीत मिली थी. राजभर के आने से बीजेपी को अवध क्षेत्र में काफी फायदा हो सकता है. इसकी वजह है कि ओम प्रकाश राजभर इस क्षेत्र में काफी सक्रिय रहते हैं और यहां पर बड़ी संख्या में राजभर जाति के मतदाता है. इनकी पार्टी के विधायक भी इसी मंडल से आते हैं.
पूर्वांचल में राजभर का काफी असर है
इसके अलावा मछलीशहर और बलिया में बीजेपी को जीत हासिल करने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ी थी. इन सीटों पर बीजेपी काफी कम अंतर से जीत मिल पाई थी. मछली शहर की बात करें तो यहां बीजेपी की जीत का अंतर सिर्फ 181 वोटों का था, जबकि बलिया में बीजेपी को सपा से कड़ी टक्कर मिली जिसके बाद बीजेपी 15519 वोटों से जीत हासिल कर पाई. वहीं ओम प्रकाश राजभर की बात की जाए तो इनके प्रत्याशी को मछली शहर में 11 हजार वोट और बलिया में 35900 वोट मिले थे. अगर तब राजभर विपक्ष के साथ होते तो यहां बीजेपी हार सकती थी.
राजभर के पास वोट ट्रांसफर कराने की कुव्वत
पूर्वांचल के क्षेत्र में ओम प्रकाश राजभर का काफी असर असर है. राजभर के पास इतनी ताकत है कि वो अपनी जाति के वोट को ट्रांसफर करा सकते हैं. 2022 में जब राजभर सपा के साथ चुनाव लड़े थे, तब भी इसका असर दिखाई दिखाई दिया था. आजमगढ़ और गाजीपुर जिले की सभी विधानसभा सीटों पर बीजेपी हार गई थी, जबकि बलिया में बीजेपी को सात में से एक और जौनपुर में नौ में से दो सीटें मिली थीं.
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