Om Prakash Rajbhar: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी ने मिलकर लड़ने का फैसला कर सबको चौंका दिया. राजभर अपने सियासती दांव पेंचों के बारे में जाने जाते हैं. 2018 में मायावती पर मूर्तियों को लेकर हमला कर ये साफ़ किया किया कि, मायावती के कट्टर विरोधी हैं, तो 2020 में एबीपी गंगा पर प्रधानमंत्री पद का सबसे प्रबल उम्मीदवार मायावती को बता सबको चौंका दिया. ओम प्रकाश राजभर ने ट्वीट कर समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन का ऐलान कर दिया है. एबीपी गंगा पर भाजपा के साथ न जाने का वादा तक कर दिया और भाजपा की हार की घोषणा भी. ये पहली बार नहीं है, कई बार राजभर अपने बयानों के चलते सुर्ख़ियों में आये.
उनके कुछ ऐसे बयानों पर नजर डालते हैं.
- भागीदारी मोर्चा की सरकार बनी तो 20 डिप्टी CM बनाएंगे और 5 साल में 5 CM
-150 विधायक भारतीय जनता पार्टी के हमारे संपर्क में हैं
- असदुद्दीन ओवैसी बन सकते हैं यूपी के मुख्यमंत्री
- जो हमारी मांगें मानेगा हम उसके साथ करेंगे गठबंधन' और 'बीजेपी ने हमारी मांग मानी तो उसके साथ भी जाएंगे.
एक भी सीट ना मिलने पर भी रहेंगे सपा के साथ
और आज का बयान समाजवादी पार्टी यदि एक भी सीट नहीं देगी तब भी वह सपा के साथ रहेंगे. लेकिन इसी बीच 27 अक्टूबर की बात कर सबको असमंजस में डाल दिया है. ओम प्रकाश राजभर ने कहा, बाकी बातों का खुलासा मऊ में 27 अक्टूबर को होने वाली महापंचायत में होगा. हालांकि, इस महापंचायत में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के शामिल होने की बात भी कही है. उन्होंने कहा कि, विधानसभा चुनाव में सीटों का कोई भी झगड़ा नहीं है. असदुद्दीन ओवैसी के सवाल टालते हुए दिखाई दिए. राजभर बार बार ये बोलते रहें कि भागीदारी मोर्चा मिलकर तय करेगा आगे की रणनीति. असदुद्दीन ओवैसी ने अभी इस पूरे घटनाक्रम पर चुप्पी साधी हुई है, साथ ही साथ सपा के सहयोगी दल जैसे महान दल, जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट) की तरफ से भी कोई बयान नहीं आया है. ये देखना दिलचस्प होगा कि, नए रिश्ते बनाने के चक्कर में पुराने रिश्ते न बिखर जाये.
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