OP Rajbhar: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओम प्रकाश राजभर ने जातिवार जनगणना की मांग को लेकर सहयोगी दलों को साथ सावधान यात्रा की शुरुआत की थी. 26 सितंबर से शुरू हुई यह यात्रा उत्‍तर प्रदेश के सभी 75 जिलों से गुजरते हुए 27 अक्टूबर को बिहार की राजधानी में संपन्न होगी. शुक्रवार, 21 अक्टूबर को यह यात्रा गाजीपुर के मोहम्मदाबाद तहसील के भदेसर गांव पहुंची. यहां पर ओपी राजभर ने अपने कार्यकर्ताओं को यह बताने की कोशिश की कि जातिवार जनगणना क्यों जरूरी है. 


वहीं, मीडिया से बात करते हुए सुभासपा प्रमुख ने बताया कि साल 1931 में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के चाहने से जातिवार जनगणना हुई. उसके बाद बाबा साहब ने संविधान में यह व्यवस्था बनाई कि हर 10 साल पर जनगणना होगी. राजभर का कहना है कि मौजूदा सरकार में बैठे लोगों को इस बात का एहसास नहीं है कि जातिवार जनगणना क्यों जरूरी है. ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि वह 20 साल से इस मुद्दे को गर्माते-गर्माते 2022 के चुनाव में सावधान यात्रा कर रही है. उनका कहना है कि यह जातिवार जनगणना जरूर होगी और यही भारतीय जनता पार्टी की सरकार कराएगी. 


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जातिवार जनगणना के लिए सरकार को मजबूर कर देंगे: राजभर
जरूरत के समय पर अपने दुश्मनों के साथ सभी पार्टियां गठबंधन करने को मजबूर हो जाती हैं. इसको लेकर राजभर ने कहा कि जब कश्मीर में सरकार बनाने की बात आई तो पीडीपी से गठबंधन कर लिया, जिससे पहले 36 का आंकड़ा था. उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा में 36 का आंकड़ा था, फिर भी दोनों ने मिलकर सरकार बनाई.


बिहार में नीतीश कुमार ने कहा था कि वह बीजेपी से समझौता नहीं कर सकते, भले ही राजनीति से संन्यास लेना पड़े. लेकिन, दोनों पार्टियां मिलीं और सरकार बन गई. फिर, नीतीश ने कहा कि वह घर बैठ जाएंगे, लेकिन लेकिन लालू प्रसाद यादव की पार्टी से समझौता नहीं करेंगे. आज वही सरकार चल रही है. ऐसे में राजभर कहते हैं कि उनको भरोसा है कि जातिवार जनगणना के लिए वह सरकार को मजबूर कर देंगे. अब वह 27 तारीख को बिहार जा रहे हैं और वहां से इसकी शुरुआत करेंगे.