UP Today News: उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री और सुभाषपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर बीते शनिवार को बस्ती आए थे, जहां पर पहुंचकर उन्होंने जिले में चल रहे वृक्षारोपण कार्यक्रम में शिरकत की और उसके बाद अपने कार्यकर्ताओं के साथ एक बैठक की. बैठक के दौरान कार्यकर्ताओं से बात करते करते मंत्री ओपी राजभर का अपने जाति के प्रति दर्द छलक गया, जिसमें उन्होंने कहा कि मैं जिस विभाग का कैबिनेट मंत्री हूं उस विभाग में ढाई लाख कर्मचारी हैं और उसमें भी 75 जिले हैं, लेकिन इन जिलों में एक भी DPRO (जिला पंचायतराज अधिकारी) राजभर जाति का नहीं है. तो बताओ मैं कैसे उनकी मदद करूं.


ओपी राजभर ने आगे कहा कि मैंने उन ढाई लाख कर्मचारियों में राजभर जाति के अधिकारियों की बहुत खोज की तो मुश्किल से 26 लोग ही निकले और जो लोग मिले भी वो सफाईकर्मी हैं. ओपी राजभर ने अफसोस जताते हुए राजभर समाज के लोगों को नसीहत भी दे डाली कि आप लोग नौकरी जो भी निकलती है उसमें फार्म भरे ताकि उनके समाज के लोग भी अधिकारी बने.


''कौन दरोगा हमारी बात नहीं सुनेगा''


दर्द छलकाने के साथ साथ ओपी राजभर ने अपने कार्यकर्ताओं को उनके जिले के दारोगा के खिलाफ जमकर उकसाया. उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से कहा कि जब भी दारोगा के पास जाओ तो पांच छ लोग एक साथ जाओ. पीला गमछा लगा के जाओ और जब थाने पर पहुंचोगे तो सभी लोगों की शकल में दरोगा को ओपी राजभर दिखेगा. राजभर ने कहा कि कउन दरोगा हमारी नहीं सुनेगा, क्योंकि हम एके बार फौंकते हैं तो पूरा प्रदेश हिल जाता है. ओपी राजभर यह बात कहते कहते जोर का ठहाका लगाते हैं.


ओपी राजभर की जातिवादी मानसिकता छलक रही है?


फिलहाल कैबिनेट मंत्री ओपी राजभर का ये वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि पूरे वीडियो में ओपी राजभर की जातिवादी मानसिकता साफ तौर पर छलक रही है, जिसे देखकर तो यही लगता है कि ओपी राजभर की कुर्सी केवल एक ही जात के लोगों की देन है और वही दूसरी बात यह है कि जिस तरह से उन्होंने साफा पहनाकर अपने लोगों को उकसा रहे हैं कि जाओ और थानेदार को दिखाओ की हम कितने ताकतवर हैं. इसे देखकर तो यही लगता है कि अगर प्रदेश सरकार के उच्च पदों पर बैठे कैबिनेट मंत्री ही इस तरह की मानसिकता रखता है तो क्या वह इस कुर्सी के लायक है यह अपने आप मे एक बड़ा सवाल है?


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