Om Prakash Rajbhar: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के पूर्वांचल दौरे पर सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) ने निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव का दौरा या तैयारी हमारे लिए कोई चुनौती नहीं है. जब-जब सपा (SP) सरकार में थी तब प्रमोशन में आरक्षण समाप्त करके लाखों लाख लोगों की नौकरी छुड़वा दी. जब सरकार में थे तो सिर्फ 12 जातियां ही 27 फीसद आरक्षण का लाभ उठा रही थी. उन्होंने कहा कि जब सिर्फ 12 जातियों को लाभ दिलाया तो बाकी जातियां क्यों साथ आएंगे. 


ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि जब अखिलेश यादव सत्ता में थे तब 4 सितंबर 2013 को हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि 27 परसेंट आरक्षण जो पिछड़ों को मिल रहा है उसका लाभ 12 जातियां उठा रही हैं, 2001 में सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट तैयार कराई गई थी उसको भी लागू करना याद नहीं आया और हाईकोर्ट के आदेश को भी नहीं माना ऐसे में उनके साथ कोई क्यों जाएगा. सिर्फ 12 जातियों को लाभ दिलाया तो बाकी जातियां क्यों साथ आएंगे? पुलिस भर्ती, लेखपाल भर्ती या कोई भी भर्ती उस समय हुई तो सिर्फ अपनी जाति दिखाई दे रही थी. अब सब जागरूक हैं, सब समझते हैं, कोई इन्हें क्यों वोट देगा?


शिवपाल यादव पर कसा तंज


ओपी राजभर ने कहा कि शिवपाल यादव मझे हुए नेता है  लेकिन चार बार की सत्ता के बाद जनजातियों के साथ इन लोगों ने जो उपेक्षा की वह जातियां से किस मुंह से कहेंगे कि आप मेरे साथ आओ, हम आपका भला करेंगे. जब ये मालिक थे, देने लायक थे तब कुछ किया नहीं तो आज किस मुंह से कहेंगे, 4 साल तो अभी सत्ता में रहना नहीं तो कुछ देंगे नहीं, लोकसभा में जाकर क्या कर लेंगे. सरकार तो दिल्ली में बननी नहीं है जनता जागरूक है जिनके साथ सपा ने धोखा किया वो अलर्ट हो गए हैं चाहे जितना मंथन कर ले उस पर कोई विचार करने वाला नहीं.


राजभर ने कहा कि शिवपाल यादव आगे की सीट पर बैठकर क्या करेंगे, सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट की चर्चा कर लेंगे? सत्ता में थे तब भी नहीं की, अभी भी विधायक है, पहले भी विधायक थे, एक बार भी इस मुद्दे पर बोले नहीं. जब हम पिछड़े समाज की छात्रवृत्ति पर बोल रहे थे तब सपा नहीं बोल रही थी.  हम सामाजिक न्याय समिति पर सरकार से टकरा रहे थे तब यह लोग मजाक बना रहे थे. शिवपाल यादव आगे बैठे या पीछे कुछ नहीं मिलने वाला. शिवपाल को सम्मान तब होता है जब राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिए जाते, मालिक बनाए जाते, तब वह पॉवर होती, सारी पॉवर तो अखिलेश के पास है. वो राष्ट्रीय महासचिव रहे, चाहे संगठन मंत्री बन जाएं, फैसला तो अखिलेश ही लेंगे. 


स्वामी प्रसाद मौर्य पर भी साधा निशाना


सुभासपा अध्यक्ष ने स्वामी प्रसाद मौर्य को लेकर कहा कि मुझे हंसी आती है 40 साल से राजनीति करने वाले लोगों पर अपनी जाति का नाम लेकर, अपनी जाति को गोलबंद कर, कांशीराम के आशीर्वाद से मंत्री और विधायक बने, तब महिलाओं, पिछड़े, दलित का अपमान याद नही आया, जब उन्होंने बसपा की सत्ता जाते देखा तो भाजपा में आ गए, अब इन चौपाइयों को लेकर पत्र लिख रहे हैं, जब बीजेपी ज्वाइन की तब कहां थे, तब तो पीएम मोदी, अमित शाह, सीएम योगी सबसे मिलते थे. 5 साल से तो श्री राम-राम जप रहे थे, उसी रामचरितमानस का गीत गा रहे थे.


राजभर ने कहा कि स्वामी प्रसाद तो कांशीराम की कृपा से बने, मोदी, योगी की कृपा से मंत्री बने, ओपी राजभर ने अपना धरातल तैयार किया है. अपने समाज को तैयार किया है, जो वंचित पिछड़ा दलित है उनको तैयार किया. उनकी बदौलत हमारा समझौता हुआ, हम उनकी तरह भीख मांगने नहीं गए हमें टिकट दे दो, वो बसपा के सिंबल पर लड़े, भाजपा के सिंबल पर लड़े लेकिन ओपी राजभर अपने सिंबल पर लड़कर आया. जब इनका समाज बीजेपी की तरफ भागा तो समझ गए कि वहां जाना चाहिए, यह हवा देखकर करवट बदलने वाले लोग हैं.


ओपी राजभर ने इस दौरान लखनऊ का नाम बदलने वाले भाजपा सांसद के पत्र का भी समर्थन किया और कहा कि हमने भी बहराइच का नाम बदलकर सुहेलदेव के नाम पर और गाजीपुर का नाम बदलकर भगवान राम के गुरु विश्वामित्र के नाम पर करने के लिए पत्र लिखा है. 


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