UP Politics: घोसी की हार का जिम्मेदार ठहराए जाने पर ओम प्रकाश राजभर को आया गुस्सा, जल्द उठा सकते हैं ये कदम
UP Politics: घोसी में बीजेपी को मिली हार का ठीकरा अब सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर के सिर फोड़ा जा रहा है, जिससे सुभासपा नेता काफी नाराज बताए जा रहे हैं.
Ghosi Bypoll Results 2023: घोसी उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रत्याशी दारा सिंह चौहान (Dara Singh Chauhan) की हार के बाद यूपी की सियासत गरमा गई है. बीजेपी के सहयोगी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) इन दिनों बीजेपी से खासे नाराज नजर आ रहे हैं. उनकी नाराजगी इस बात को लेकर है कि घोसी की हार के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. माना जा रहा है कि वो जल्द ही इस सिलसिले में बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से भी मुलाकात कर सकते हैं और अपनी बात भी रख सकते हैं.
घोसी उपचुनाव में हार के बाद ओम प्रकाश राजभर लगातार सपा के निशाने पर तो हैं ही लेकिन एनडीए की सहयोगी निषाद पार्टी ने भी उनके बड़बोलेपन पर सवाल उठा दिए थे. निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने हार के बाद राजभर को कम बोलने की सलाह दे डाली. उन्होंने राजभर को नसीहत देते हुए कहा कि "मैं राजभर से कहता हूं कि कम बोला करें... निषाद समाज ने तो बीजेपी को वोट दिया है, हमें अपने संबंध ठीक रखने चाहिए." वहीं समाजवादी पार्टी भी मंत्री बनाए जाने को लेकर उन पर तंज कस रही है.
बीजेपी शीर्ष नेतृत्व से मिलेंगे राजभर
ओम प्रकाश राजभर खुद को हार का जिम्मेदार ठहराए जाने से बेहद नाराज है. जिसके बाद अब वो जल्द ही दिल्ली भी जा सकते हैं. माना जा रहा है कि वो इस मामले को लेकर बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात कर सकते हैं और अपनी बात रख सकते हैं. हालांकि राजभर को अब भी मंत्री पद मिलने की आस है. विरोधियों को जवाब देते हुए उन्होंने कहा था कि वो मंत्री जरूर बनेंगे, एनडीए के मालिक पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा हैं ना कि विरोधी दल.
घोसी उपचुनाव को लोकसभा चुनाव 2024 से पहले एनडीए बनाम इंडिया गठबंधन के लिटमस टेस्ट के तौर पर भी देखा जा रहा था. ओम प्रकाश राजभर ने इसे जीतने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी थी. वो कई दिनों तक परिवार के साथ यहां डेरा जमाए रहे. इस दौरान उन्होंने गांव-गांव जाकर चुनाव प्रचार किया. इस दौरान वो लगातार अपने बयानों को लेकर भी सुर्खियों में रहे, यही वजह है कि जब सपा यहां से जीती तो राजभर सबके निशाने पर आ गए.