नई दिल्ली: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों को उनकी वीरता के लिए दिए जाने वाले पुलिस वीरता पदक का एलान कर दिया गया है. इस बार उत्तर प्रदेश पुलिस के 23 अधिकारियों और कर्मचारियों को पुलिस का वीरता पदक दिया जाएगा. इस बार वीरता पदक पाने वालों में एनकाउंटर करने वाली 4 टीमें शामिल है. जिसमे बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड को अंजाम देने वाले मुख्तार के गुर्गे फिरदोस को ढेर करने वाली टीम भी शामिल है.
राज्य व सैनिक बलों के लिए मिलने वाला पुलिस पदक घोषित कर दिया गया है. पुलिस पदक और उत्कृष्ट सेवा के लिए पुलिस पदक एलान कर दिया गया है. लंबे वक्त के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस में इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारियों और अधिकारियों को राष्ट्रपति का गैलेंट्री मेडल दिया गया है.
गैलंट्री मेडल पाने वालों में एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार, एडीजी असीम अरुण, आईजी एसके भगत, आईजी विजय भूषण खानदान एसपी अरविंद चतुर्वेदी अभिषेक यादव के साथ-साथ एटीएस के एडिशनल एसपी राजेश साहनी व सिपाही एकांत यादव को मरणोपरांत राष्ट्रपति का पुलिस पदक दिया गया है.
यह पहली बार हुआ है जब उत्तर प्रदेश पुलिस में गैलंट्री पाने वाले पुलिसकर्मियों में 4 एनकाउंटर की टीम शामिल है. कृष्णानंद राय हत्याकांड को अंजाम देने वाले फिरदौस को ढेर करने वाली एसटीएफ की टीम के 4 कर्मी, आतंकी सैफुल्ला को मारकर मार गिराने वाली एटीएस की टीम के 7 कर्मी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शातिर अपराधी रोहित सांढू को ढेर करने वाली पुलिसकर्मियों की टीम के 6 कर्मी शामिल है.
फरदौस एनकाउंटर
नवंबर 2005 को बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की गाजीपुर में हत्या कर दी गई. हत्या करने वालों में मुन्ना बजरंगी राकेश पांडे संजीव जीवा के साथ मुख्तार अंसारी का शार्प शूटर और शातिर दिमाग फिरदौस भी शामिल था. वारदात के बाद से ही यूपी एसटीएफ की टीम लगातार उसके पीछे लगी हुई थी. 19 अप्रैल 2006 को यूपी एसटीएफ को फिरदौस उर्फ मोटा उर्फ जावेद उर्फ राजू उर्फ इरफान उर्फ अफरोज उर्फ राजेश सिंह की लोकेशन मुंबई मिली. मुंबई के लिंक मलाड इलाके में यूपी एसटीएफ की टीम ने फिरदौस को घेरा तो 50,000 के नामी फिरदौस ने अपनी पिस्टल से एसटीएफ की टीम पर फायरिंग कर दी. दिनदहाड़े हुई इस फायरिंग में इलाके से अफरा-तफरी मची लेकिन यूपी एसटीएफ की टीम में शामिल तत्कालीन एसएसपी एसके भगत, एडिशनल एसपी विजय भूषण, सीओ अरविंद चतुर्वेदी और सब इंस्पेक्टर धनंजय मिश्रा ने फरदौस को घेर लिया और मुठभेड़ में मार गिराया.
मौजूदा वक्त में एस के भगत उत्तर प्रदेश सरकार में होम सेक्रेटरी, विजय भूषण आईजी पुलिस भर्ती बोर्ड, अरविंद चतुर्वेदी एसपी बाराबंकी और धनंजय मिश्रा डिप्टी एसपी के पद पर तैनात है. फिरदौस एनकाउंटर की टीम में शामिल इन चार पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को पुलिस का वीरता पदक दिया गया है.
सैफुल्लाह एनकाउंटर
पुलिस का वीरता पदक पाने वालों में दूसरी टीम यूपी एटीएस की है. इसने 7 मार्च 2017 को लखनऊ के ठाकुरगंज इलाके में कानपुर के रहने वाले सैफुल्लाह को जब घेरा तो उसने एटीएस की टीम पर फायरिंग कर दी. भारी मात्रा में असलहो और विस्फोटकों से लैस आतंकी सैफुल्ला को ढेर करने वाली टीम में 7 पुलिस कर्मियों को वीरता पदक दिया गया है. वीरता पदक पाने वालों में आईजी एटीएस रहे असीम अरुण के साथ दिवंगत एडिशनल एसपी राजेश साहनी और एटीएस के 5 कमांडो अतहर अहमद, अविनाश कुमार, विकास यादव महेंद्र पाल और कमांडो फहीम मियां शामिल है. मौजूदा वक्त में असीम अरुण up112 के एडीजी है.
रोहित सांडू एनकाउंटर
वीरता पदक पाने वालों की तीसरी टीम रोहित सांडू एनकाउंटर की है.
मिर्जापुर से पेशी पर जा रहे एक लाख के इनामी रोहित सांडू ने दरोगा दुर्ग विजय सिंह को गोली मारकर फरार हो गया था. जुलाई 2019 में तत्कालीन एडीजी मेरठ प्रशांत कुमार, एसएसपी मुजफ्फरनगर अभिषेक यादव, आईपीएस सतपाल की टीम ने मुजफ्फरनगर में रोहित सांडू को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था. वीरता पदक पाने वालों में मौजूदा वक्त में एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार, एसएसपी मुजफ्फरनगर अभिषेक यादव समेत छह पुलिसकर्मी शामिल किए गए हैं.
सुजीत बुडवा एनकाउंटर
अगस्त 2017 में आजमगढ़ के मुबारकपुर में तत्कालीन एसएसपी अजय साहनी और उनकी टीम ने 50,000 के इनामी बदमाश सुजीत सिंह उर्फ बुढ़वा को एनकाउंटर में ढेर किया था. रामपुर जेल से पेशी के दौरान आते हुए हिरासत से भागा सुजीत सिंह बुढ़वा एमएलसी की हत्या की फिराक में था जिसको अजय साहनी की टीम ने ढेर कर दिया. मौजूदा वक्त में अजय साहनी एसएसपी मेरठ है. अजय साहनी के साथ एडिशनल एसपी नरेंद्र प्रताप सिंह और कांस्टेबल अवधेश कुमार सिंह को भी गैलेंट्री मेडल मिला है.
पुलिस कर्मियों को मिले वीरता पदक के साथ ही उत्तर प्रदेश पुलिस के नाम पर एक और रिकॉर्ड हो गया है. फिरदौस एनकाउंटर में शामिल मौजूद आईजी विजय भूषण उत्तर प्रदेश के पहले ऐसे आईपीएस अधिकारी बन गए हैं जिनको पांचवीं बार गैलंट्री मेडल दिया गया है.
वैसे तकनीकी तौर पर यूपी कैडर के आईपीएस विजय भूषण देश के पहले ऐसे आईपीएस भी बन गए हैं जिनकों सर्वाधिक बार गैलंट्री मेडल मिला है. दिल्ली स्पेशल सेल के डीसीपी रहे संजीव यादव को 9 बार गैलंट्री मेडल जरूर मिला लेकिन वह आईपीएस सेवा के ना होकर दिल्ली अंडमान निकोबार आईलैंड पुलिस सर्विस यानी DENIPS सेवा के अधिकारी हैं. लिहाजा विजय भूषण आईपीएस सेवा में सर्वाधिक 5 मैडल पाने वाले अधिकारी बन गए.
यह पहली बार है जब उत्तर प्रदेश पुलिस के 23 अधिकारी और कर्मचारी पुलिस गैलेंट्री मेडल पा रहे है. गैलेंट्री के अलावा 6 पुलिस अधिकारियों को उत्कृष्ट सेवा का पुलिस पदक और 73 पुलिसकर्मियों को पुलिस पदक दिया जाएगा.
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