नोएडा, बलराम पांडेय: नोएडा के वीवीआईपी सेक्टर-14ए में भी कोरोना ने दस्तक दे दी है. यहां 45 साल का व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाया गया है. सेक्टर-14ए नोएडा का सबसे छोटा सेक्टर है और यहां नोएडा के प्रशानिक अधिकारियों के आवास हैं. जिले में सोमवार को कुल 17 नए करोना संक्रमण के केस मिले हैं. इनमें 6 महिलाएं शामिल हैं. जिसके बाद अब जिले में कुल संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 470 हो गई है.  वहीं, सोमवार को पांच मरीजों को स्वस्थ होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है. अब जिले में जिले में स्वस्थ होने वालों की संख्या 299 पहुंच गई है. फिलहाल 164 लोगों का इलाज जिले के विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है.


सोमवार को निकले 17 नए केस


डिस्ट्रिक्ट सर्विलांस ऑफिसर डॉ. सुनील दोहरे ने बताया कि सोमवार को मिली रिपोर्ट में जो 17 लोग संक्रमित पाए गए हैं। उनमें गौड़ सिटी निवासी 28 साल का युवक, नोएडा के सेक्टर-94बी निवासी 57 वर्षीय महिला, ग्रेटर नोएडा के सेक्टर- बीटा1  निवासी 56 साल का व्यक्ति, नोएडा के सेक्टर-46 निवासी 32 साल का युवक, नोएडा के वीवीआईपी सेक्टर-14ए निवासी 45 साल का व्यक्ति, सेक्टर-45 निवासी 42 साल का व्यक्ति, भंगेल निवासी 14 साल की किशोरी,  नोएडा के सेक्टर-36 निवासी 26 साल का युवक, दादरी क्षेत्र के प्यावली गांव निवासी 32 साल का युवक शामिल हैं.


इसके अलावा नोएडा के फेज-दो क्षेत्र के भंगेल निवासी एक परिवार के पांच लोगों में भी कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है. उनमें 35 साल का युवक, 15 और 12 साल की किशोरी, 32 साल की महिला और 10 साल का बच्चा शामिल है. जबकि नोएडा के छलेरा गांव निवासी 27 साल की महिला, नोएडा के बिशनपुरा गांव निवासी 23 वर्षीय युवक और सेक्टर-37 निवासी 21 साल के युवक में भी संक्रमण पाया गया है.


पांच मरीज हुए डिस्चार्ज


डॉ. सुनील दोहरे ने बताया कि सोमवार को जिले में कोरोना को परास्त करने वाले पांच मरीजों को डिस्चार्ज किया गया है. उनमें 23, 44, 40, 41 और 36 साल के युवक शामिल हैं. इन सभी का इलाज ग्रेटर नोएडा के गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में चल रहा था. उन्होंने बताया कि गौतमबुद्ध नगर जिले में अब तक कुल 470 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. उनमें 299 लोगों को स्वस्थ होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है. जिले में अब तक सात मरीजों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है. फिलहाल 164 पॉजिटिव मरीजों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है.


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