अयोध्या, एबीपी गंगा। चैत्र नवरात्रि के पहले दिन भगवान रामलला अपने पुराने गर्भगृह के स्थान से नए अस्थाई मंदिर में शिफ्ट होंगे। इसके लिए 23 मार्च से ही पूजा-पाठ, मंत्रोचार वेद विशेषज्ञों की निगरानी में चल रहा है। 25 मार्च को ब्रह्म मुहूर्त में 4 बजे रामलला को नए अस्थाई मंदिर में शिफ्ट किया जाएगा इसके लिए सुबह 3 बजे भगवान के जागरण के बाद उनको नए मंदिर में स्थापित करने का विधि-विधान शुरू हो जाएगा।


रामलला के साथ उनके तीन भाइयों का विग्रह, हनुमान जी का विग्रह और दो सालिगराम भगवान के विग्रह को भी शिफ्ट किया जाना है। इन सब को बारी-बारी 6 धातु के पात्रों में रखकर चार व्यक्ति अपने सिर पर रखकर उनके नए आसन तक लाएंगे और नए मंदिर में विराजमान होने के बाद दो से ढाई घंटे उनका पूजा-पाठ होगा और इसके बाद जो भी नवरात्र के पहले दिन दर्शन करने जाएगा उसको यहीं रामलला के दर्शन होंगे।



कोरोना महामारी के चलते इस पूरे कार्यक्रम में ट्रस्ट के सदस्यों के अतिरिक्त केवल वही लोग शामिल होंगे जिनका वहां रहना आवश्यक है। श्री राम अयोध्या तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि 'हम ऐसा कोई काम नहीं करेंगे जो समाज और देशहित में न हो। अगर भीड़-भाड़ होगी तो लोग एक दूसरे से सटकर खड़े होंगे और कोरोना महामारी के चलते यह बिल्कुल उचित नहीं है।



चंपत राय ने यह भी साफ किया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए स्वीकृति दी थी लेकिन, वर्तमान में जिस तरह महामारी की समस्या है उसको देखते हुए परिस्थितियां बदल गई हैं। अब मुख्यमंत्री इस कार्यक्रम में शामिल होंगे या नहीं यह उनका स्टाफ और प्रशासन के लोग तय करेंगे।