गोरखपुर: निर्बल शोषित इंडिया हमारा आमदल (निषाद पार्टी) ने स्थापना की छठवी वर्षगांठ पर हुंकार भरी है. निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद को नोटों की माला पहनाकर पार्टी के पदाधिकारियों ने दमखम के साथ 2022 के विधानसभा चुनाव में कूदने का ऐलान कर विपक्षी पार्टियों को अपना दमखम दिखा दिया है.
डॉ. संजय निषाद ने कहा कि वे आरक्षण की मांग को दोहराते हुए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को खून से खत लिखकर केन्द्र सरकार से एससी का सर्टिफिकेट जारी करने की मांग करते हैं. गोरखपुर के पादरी बाजार में निषाद पार्टी की ओर से पार्टी की स्थापना की छठवीं वर्षगांठ के अवसर पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर पार्टी के पदाधिकारियों के साथ डॉ. संजय निषाद ने अपने खून से खत लिखा और केन्द्र सरकार से आरक्षण की मांग की.
उन्होंने कहा कि वे बीजेपी के साथ हैं और उन्हें पूरा विश्वास है कि बीजेपी की सरकार उनके समाज के लोगों की मांग को सुनेंगे. यही वजह है कि छठवीं वर्षगांठ पर वे और उनके समाज के लोग खून से खत लिखकर ये याद दिलाना चाहते हैं कि उन्होंने देश के लिए खून बहाया है. उन्हें उनका अधिकार मिलना चाहिए.
डॉ. संजय निषाद ने लोगों से इस लड़ाई में उनका साथ मांगा
डॉ. संजय निषाद ने समाज के लोगों का आह्वान किया वे उन्हें अपना नेता मानते हुए उनकी लड़ाई में उनका साथ दें. वे उन्हें आरक्षण दिलाकर रहेंगे. उन्होंने इसके बाद परिवार के साथ अपने हाथ से खून निकालकर आरक्षण की मांग को दोहराते हुए खून से खत लिखा. इस दौरान संतकबीरनगर से बीजेपी सांसद और उनके पुत्र इंजीनियर प्रवीण निषाद ने भी केन्द्र सरकार के नाम खत लिखकर आरक्षण की मांग की. डॉ. संजय निषाद ने कहा कि वे आज के दिन को संकल्प दिवस के रूप में मना रहे हैं.
डॉ. संजय निषाद ने कहा कि वे राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को खून से खत लिखकर एससी आरक्षण देने की मांग करते हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेशभर के कार्यकर्ताओं ने भी एससी आरक्षण की मांग को लेकर खून से खत लिखा है. आजादी के बाद भी हमारा मछुआ समाज आजाद विहिन है, भूखमरी, बेरोजगारी एवं शिक्षा के अधिकार से विहिन इस मछुआ समाज को आजादी नहीं मिली हैं.
जब तक आरक्षण नहीं मिलता तब तक चैन से बैठने वाली नहीं हैं- डॉ. संजय निषाद
आजादी के इतने वर्षों तक देश और प्रदेश में राज भोगने वाली कांग्रेस-एसपी-बीएसपी समेत तमाम पार्टियों ने मछुआ समाज को केवल वोट बैंक समझा और चुनाव के बाद इनका अधिकारों को छीनने का काम किया. निषाद पार्टी का 16 अगस्त 2016 में जब गठन हुआ तब मझवार, गौड़, तुरैहा, खरवार, बेलदार, खरोट, कोली आदि जाति व उपजातियों को भारत के नागरिक होने के बाद भी इन्हें मिलने वाले 5 मौलिक अधिकार से भी वंचित रखा गया था.
निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल ने सभी वंचितों और शोषितों की आवाज को उठाने के साथ ही मछुआ समाज के हक-अधिकार के लिए सड़क से लेकर सदन की लड़ाई लड़ने का काम किया है. जब तक इनका आरक्षण नहीं मिल जाता तब तक चैन से बैठने वाली नहीं हैं. लोग यह न समझे कि हम सिर्फ आरक्षण कि ही लड़ाई लड़ रहे हैं. हम तब तक लड़ेंगे जब तक हमारे समाज के आखिरी व्यक्ति तक समानता के सभी अधिकार न पहुंचे.
14 अगस्त 2021 को गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डॉ से निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार निषाद ने मुलाकात कर बीजेपी को वायदा याद कराते हुए कहा कि 2019 में निषाद पार्टी बीजेपी के साथ मछुआ एससी आरक्षण को लेकर मिली थी, लेकिन अभी तक आऱक्षण नहीं मिला है. निषाद पार्टी आरक्षण के मुद्दे पर बीजेपी सरकार के साथ है. साथ ही सम्मानजनक सीटों की भी सहमति हुई है.
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