रामपुर, एबीपी गंगा। रामपुर से सांसद सपा नेता आजम खान पर एक बार फिर सरकारी धनराशि के दुरुपयोग का आरोप लगा है। आपको बता दें विगत कुछ महीनों में आजम खान के ऊपर लगातार प्रशासन का शिकंजा कसता गया है और एक के बाद एक लगभग 84 मुकदमे आजम खान पर हैं। यह आरोप पूर्व कांग्रेस नेता फैसल खान लाला ने सपा सांसद आजम खान पर लगाया है। उन्होंने अपनी शिकायत में सपा सरकार में आजम खान के मंत्री रहते अपने पद के दुरुपयोग कर सरकारी धन का इस्तेमाल निजी स्वार्थ के लिए करने का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी को शिकायत की जिसके बाद जिलाधिकारी ने इस संबंध में जिला स्तरीय जांच कमेटी को इस मामले की जांच कर रिपोर्ट भेजने को कहा है।


पूर्व कांग्रेस नेता फैसल खान लाला ने मामले की जानकारी देते हुए कहा जब उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार होती थी तब आजम खान ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपने घर से जौहर यूनिवर्सिटी जाने के लिए और कानून को ताक पर रखकर तहसील की बिल्डिंग से होकर गुजरने वाला फ्लाईओवर बनवाया और फ्लाईओवर लगभग 5 किलोमीटर लंबा है उसे बनाने के लिए लगभग 300 करोड़ से ज्यादा की लागत आई है। साथ ही रास्ते में जो किसानों की जमीन थी उन्हें ना तो मुआवजा दिया गया और जिन्हें दिया गया उन्हें बहुत औने पौने रेट मिले हैं। उन्होंने कहा कि आजम खान ने अपने पद का दुरुपयोग किया है जबकि इसके विपरीत लालपुर का पुल बनना बहुत जरूरी था क्योंकि वहां से लगभग 500000 लोग रोजाना जिला मुख्यालय आते हैं जो कि कोसी नदी को प्राप्त करने के अपनी जान को हथेली पर रखकर लकड़ी के पुल से गुजर कर रामपुर पहुंचते हैं। फैजल खान लाला ने कहा कि इस तरह से आजम खान ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए जनता के टैक्स के पैसे को गलत इस्तेमाल किया गया जनता को धोखा दिया गया इसी को लेकर आज जिलाधिकारी को पत्र देकर शिकायत दर्ज कराई है और जिलाधिकारी ने उस पर 9 सदस्य की जांच कमेटी बैठाई है। मुझे लगता है कि आजम खान के जो भी काले कारनामे थे और जिन अधिकारियों ने उनका साथ दिया उन सब पर न केवल सवालिया निशान है बल्कि कानूनी कार्रवाई करना चाहिए ताकि आगे कोई भी अपने पद का दुरुपयोग नहीं कर पाए।


इस संबंध में जिलाधिकारी अंजनी कुमार सिंह ने बताया इस मामले में मुझे कल शिकायत प्राप्त हुई है और इसके पहले भी इस बात को उठाया गया था इसमें मामला क्योंकि शासन से अनुमोदन के बाद हुआ। यह केवल यहां का मामला नहीं है यह शासन के अनुमोदन के बाद हुआ है। प्रारंभिक रूप से जो जांच है वह हमारे यहां पहले से बनी स्टैंडिंग कमिटी जो सीडीओ साहब की अध्यक्षता में बनी हुई है उसे जांच कराई जा रही है। जांच के बाद हम अपनी रिपोर्ट शासन को भेज देंगे और शासन इसमें रिपोर्ट के आधार पर आगे कार्रवाई करेगा। फिलहाल इस मामले में जांच कमेटी को 10 दिन में रिपोर्ट देने को कहा गया है जिसके बाद यह रिपोर्ट शासन को भेज दी जाएगी।


इस शिकायत में कहा गया है कि यह अनुपयोगी कार्य किया गया है इसकी कोई जरूरत नहीं थी और इस रास्ते से कोई जाता नहीं है कुल मिलाकर जो धन है उसका दुरुपयोग हुआ है और जिन अधिकारियों ने रिपोर्ट दी है गलत रिपोर्ट दी है, जो तकनीकी अधिकारी इस कमेटी में शामिल हैं उन तकनीकी अधिकारियों से इस बात का परीक्षण करा लिया जाएगा और उसके अनुसार शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी। यह भी देखने का विषय है कि कितने करोड़ में बना है किसी शिकायत में 300 करोड़ कहा गया है। किसी में 200 करोड़ कहा गया है फिलहाल जो भी रिपोर्ट हमारे सामने आएगी उसके आधार पर शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी।