One Nation One Election HLC Report: पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली एक उच्च-स्तरीय समिति ने पहले कदम के तहत लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने की तथा इसके बाद 100 दिनों के भीतर एक साथ स्थानीय निकाय चुनाव कराने की बृहस्पतिवार को सिफारिश की.


राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपी गई 18000 से ज्यादा पन्नों की रिपोर्ट में कोविंद की अगुवाई वाली समिति ने कहा है कि एक साथ चुनाव कराए जाने से विकास प्रक्रिया और सामाजिक एकजुटता को बढ़ावा मिलेगा, लोकतांत्रिक परंपरा की नींव गहरी होगी और 'इंडिया जो कि भारत है' की आकांक्षाओं को साकार करने में मदद मिलेगी. समिति ने सिफारिश की है कि भारत निर्वाचन आयोग राज्य चुनाव अधिकारियों के परामर्श से एकल मतदाता सूची और मतदाता पहचान पत्र तैयार करे.


समिति ने कई संवैधानिक संशोधन की सिफारिश की है जिनमें से ज्यादातर के लिए राज्यों के अनुमोदन की जरूरत नहीं होगी. फिलहाल, भारत निर्वाचन आयोग लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए जिम्मेदार है, जबकि नगर निकायों और पंचायतों के चुनावों का प्रबंधन राज्य चुनाव आयोगों द्वारा किया जाता है.


कोविंद ने जब राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति को रिपोर्ट सौंपी उस वक्त उनके साथ समिति के सदस्य गृह मंत्री अमित शाह, वित्त आयोग के पूर्व प्रमुख एनके सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष कश्यप, राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता गुलाम नबी आज़ाद और विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल थे. एक बयान में कहा गया है कि यह रिपोर्ट दो सितंबर 2023 को समिति गठन के बाद से हितधारकों, विशेषज्ञों के साथ व्यापक परामर्श और 191 दिनों के शोध कार्य के बाद तैयार की गई है.


रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश के राजनीति दलों की प्रतिक्रिया भी दर्ज की गई है. रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने एक देश एक चुनाव का विरोध किया है. वहीं राष्ट्रीय लोकदल ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. इसके अलावा सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल यानी निषाद पार्टी ने इसके समर्थन में अपना पक्ष रखा.


आइए हम आपको बताते हैं कि यूपी के कौन से राजनीतिक दल ने वन नेशन वन इलेक्शन पर हाई लेवल कमेटी से क्या


HLC Report में समाजवादी पार्टी का जिक्र कर लिखा गया है 'समाजवादी पार्टी ने दिनांक 11 जनवरी, 2024 के अपने पत्र और 6 फरवरी, 2024 को व्यक्तिगत बातचीत में इस बात पर जोर दिया कि लोक सभा और राज्य विधान सभाओं के लिए समकालिक चुनाव कराने से क्षेत्रीय मुद्दों पर राष्ट्रीय मुद्दे हावी हो जाएंगे. पार्टी ने कहा कि, यदि समकालिक चुनाव लागू किए जाते हैं, तो राज्य-स्तरीय दल चुनावी रणनीति और खर्च में राष्ट्रीय दलों के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाएंगे, जिससे राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय दलों के बीच असहमति बढ़ेगी। गौरतलब है कि इससे पहले दल ने समकालिक चुनाव का समर्थन किया था.'


रिपोर्ट के अनुसार अपना दल (सोने लाल) ने दिनांक 22 जनवरी 2024 के अपने पत्र में और 10 फरवरी 2024 को समिति के साथ व्यक्तिगत बातचीत में, (i) बार-बार चुनाव लड़ने में आने वाली कठिनाइयों और (ii) आदर्श आचार संहिता बार-बार लागू होने से विकास गतिविधियों में आने वाली बाधा के आधार पर साथ-साथ चुनाव के लिए समर्थन व्यक्त किया. पार्टी ने इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका और स्वीडन जैसे अन्य देशों में समकालिक चुनाव की अच्छी पद्धतियों से सीख लेने का सुझाव दिया. पार्टी का मानना था कि लोक सभा और राज्य विधान सभाओं के लिए साथ-साथ चुनाव के प्रयास आधुनिक भारत की आकांक्षाओं को साकार करने में मदद करेंगे.


बहुजन समाज पार्टी का जिक्र करते हुए रिपोर्ट में लिखा गया है- बहुजन समाज पार्टी ने 14 दिसंबर 2023 के अपने पत्र में साथ-साथ चुनाव कराने पर अपना दृष्टिकोण व्यक्त किया और सुझाव दिया कि उच्च-स्तरीय समिति को इसके लिए एक कार्यकारी रूपरेखा प्रदान करनी चाहिए. हालाँकि पार्टी ने स्पष्ट रूप से साथ-साथ चुनावों का विरोध नहीं किया, लेकिन देश की बड़ी क्षेत्रीय सीमा और जनसंख्या के बारे में चिंता सामने रखी, जो कार्यान्वयन को चुनौतीपूर्ण बना सकता है. पार्टी ने बड़े पैमाने पर बदलाव शुरू करने से पहले मौजूदा चुनावी प्रणाली को मजबूत करने, कुशल बनाने और जवाबदेही सुनिश्चित करने पर जोर दिया. पार्टी का मानना था कि मौजूदा चुनौतियों का वास्तविक समाधान संविधान और लोगों की इच्छा के अनुसार स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने और कानून के शासन को बढ़ावा देने में निहित है. उच्च स्तरीय समिति ने व्यक्तिगत रूप से बातचीत के लिए अनुरोध किया. हालाँकि, कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली.


इसके अलावा राष्ट्रीय लोकदल के संदर्भ में रिपोर्ट में कहा गया है कि उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.


निषाद पार्टी ने एक देश एक चुनाव का समर्थन किया है. रिपोर्ट में निषाद पार्टी के संदर्भ में लिखा गया है - निषाद पार्टी ने दिनांक 22 जनवरी 2024 के अपने पत्र में समकालिक चुनाव की अवधारणा का समर्थन किया.


सुभासपा के संदर्भ में लिखा गया है - पार्टी ने एक देश एक चुनाव की अवधारणा के लिए समर्थन व्यक्त किया. (एजेंसी इनपुट के साथ)