सर्वे में खुलासा- उत्तर प्रदेश के हर तीन किशोर छात्र में से एक करते हैं स्मोकिंग
तंबाकू सेवन के पैटर्न का अध्ययन करने वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि सुरक्षित स्थान की तलाश में 37.4% छात्र अपने घर पर धूम्रपान करते हैं जबकि 19.8% छात्र अपने दोस्त के घर धूम्रपान करते हैं.
उत्तर प्रदेश में धूम्रपान को लेकर एक बड़ा सर्वे हुआ है. इस सर्वे में यह पता चला है कि उत्तर प्रदेश के किशोरों के बीच धूम्रपान का कल्चर काफी तेजी से बढ़ रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में जारी ग्लोबल यंग टोबैको सर्वे में दावा किया गया है कि राज्य में हाई स्कूल स्तर के नीचे के हर तीन छात्रों में से एक तंबाकू का सेवन किसी न किसी रूप में करता है.
20 प्रतिशत किशोर अपने दोस्त के घर करते हैं धूम्रपान
तंबाकू सेवन के पैटर्न का अध्ययन करने वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि सुरक्षित स्थान की तलाश में 37.4% छात्र अपने घर पर धूम्रपान करते हैं जबकि 19.8% छात्र अपने दोस्त के घर धूम्रपान करते हैं. इसका मतलब है कि एक दोस्त का घर राज्य में लगभग 20% किशोरों का पसंदीदा धूम्रपान क्षेत्र है.
इसके अलावा लगभग 13.5 प्रतिशत किशोर अपने स्कूल में धूम्रपान करते हैं. 10.8 प्रतिशत सार्वजनिक स्थानों पर, 8.9 प्रतिशत सामाजिक कार्यक्रमों में और 9.7 प्रतिशत किशोर रैंडम स्थानों पर धूम्रपान करते हैं.
छात्रों में तंबाकू के सेवन पर ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे की रिपोर्ट से पता चलता है कि उत्तर प्रदेश में लगभग 23% छात्र22 फीसदी लड़के और 24 फीसदी लड़कियां किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं.
सर्वे से मिली जानकारी काफी चिंतनीय है. उत्तर प्रदेश में जिस कम उम्र से छात्र धूम्रपान कर रहे हैं वह उनके लिए काफी हानिकारक हो सकता है. यह सर्वे राज्य सरकार और माता-पिता के मन में भी चिंता डाल सकता है. ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे ने यह यह रिपोर्ट स्कूल आधारित सर्वेक्षण कर बनाया है.
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