UP News: बस्ती के 150 साल पुराने शिव मंदिर को दान में मिला 1 क्विंटल चांदी, जानें बाबा बेहिलनाथ के शक्ति की कहानी
Uttar Pradesh News: बस्ती के 150 साल पुराने शिव मंदिर में एक क्विंटल चांदी दान किया गया है. जिसके बाद बाबा महाकाल के तर्ज पर शिवलिंग मंदिर को सजाया गया है और भक्त भोलेनाथ का दर्शन करने आ रहे हैं.
Basti News: अयोध्या में भगवान राम का भव्य और दिव्य मंदिर बनकर तैयार है. जिसके बाद अब लोगों मे ईश्वर, मंदिर और पूजा पाठ में लोगों की आस्था बढ़ रही है. सनातन संस्कृति को जिंदा रखने के लिए अब आम लोग मंदिरों में दान देने में पीछे नहीं हट रहे हैं. दिल खोलकर हिंदू मंदिरों में चढ़ावा चढ़ा रहे हैं. ऐसे ही बस्ती जनपद के बनकटी में स्थिति 150 साल पुराने शिव मंदिर में एक क्विंटल चांदी का दान किया, जिसके बाद बाबा महाकाल के तर्ज पर शिव लिंग को सजाया गया है. दूर-दूर से लोग इस मंदिर के भगवान भोलेनाथ का दर्शन करने आ रहे हैं.
बस्ती जिले के महुली मार्ग पर विकासखंड बनकटी के बेहिल गांव में लगभग 150 वर्ष पुराना बाबा बेहिल नाथ का मंदिर अपने आप में सैकड़ों वर्षों का इतिहास समेटे है. यहां ईसा पूर्व पांचवीं सदी के मृदभांड (मिट्टी के बर्तन) के टुकड़े मिल चुके हैं. ऐसे में यहां के स्थानीय लोगों का मानना है कि यह मंदिर कई सदी पुराना है. इस मंदिर में चांदी दान करने वाले पूर्व ब्लॉक प्रमुख रहे रमेश बहादुर सिंह बताते हैं कि वर्षों पूर्व यहां बहुत पतली आकार में शिवलिंग मिट्टी से निकले थे.
खुदाई के बाद भी नहीं पता चला शिवलिंग का जड़
बस्ती गजेटियर के अनुसार, बाबा बेहिल नाथ स्वयं में अनूठा शिवलिंग हैं. बाबा बेहिल नाथ मिट्टी के अष्टकोणीय अर्घें से प्राप्त हुए थे. उस समय के तत्कालीन जमींदार वजीर सिंह शिवलिंग को खुदवा कर अपने गांव ले जाना चाहते थे, लेकिन 10 फीट खुदाई करने के बावजूद शिवलिंग के जड़ का पता नहीं चला सका. इस बीच खुदाई के दौरान मिट्टी से अधिसंख्य बिच्छू, सांप तथा अन्य जहरीले जीव निकलने लगें. जिससे भयभीत होकर जमींदार ने खोदाई बंद करवा दी. इससे स्थानीय और क्षेत्र के जनता की आस्था और विश्वास और बढ़ गया.
मंदिर का हुआ भव्य विस्तार
सर्वप्रथम मंदिर इस सिद्ध स्थान का जीर्णोद्धार अमोढ़ा निवासी ब्राह्मण बाबा रामदेव जी ने कराया. इनकी भोलेनाथ में इतनी आस्था थी कि ब्रह्म मुहूर्त से शाम तक एक पांव पर खड़े होकर यह आराधना किया करते थे. इस दौरान यहां कुछ ऐसे चमत्कार हुए कि लोग दूर-दूर से लोग अपनी मुरादें मांगने यहां आने लगे. बाबा बनारसी दास और भूरे यादव की अगुवाई में मंदिर का निर्माण हुआ. फिर बाद में अमरडोभा निवासी स्व. चंद्रिका सिंह और उनके पुत्र रमेश बहादुर सिंह की ओर से मंदिर का भव्य विस्तार हुआ.
मास में लगता है विशाल मेला
बेहिल नाथ मंदिर पर श्रद्धालुओं की ओर से प्रतिदिन जलाभिषेक किया जाता है. इसके साथ-साथ प्रत्येक सोमवार को यहां मेले जैसा दृश्य हो जाता है. सैकड़ों लोग कथा, रामायण, रुद्राभिषेक आदि तो करते ही हैं. भंडारा भी चलता रहता है. महाशिवरात्रि के अवसर पर तथा श्रावण मास में तो यहां विशाल मेला लगता है, जिसमें श्रद्धालुओं की ओर से मुंडन और जनेऊ संस्कार के साथ अन्य धार्मिक आयोजन भी किए जाते हैं.
चांदी से शिवलिंग को सजाने के बाद वह काफी आकर्षक लग रहे है. पूर्व ब्लॉक प्रमुख रमेश बहादुर सिंह बताते है कि उनके बेटे को कोई संतान नहीं हो रहा था तो उन्होंने इस मंदिर में आकर मनौती मांगी, जिसके बाद डॉक्टर भी हैरान हो गए कि ये चमत्कार कैसे हो जिसे बड़े से बड़े डॉक्टरों ने बच्चा न होने की बात कही थी. इसलिए उन्होंने एक कुंतल चांदी का दान देकर मंदिर को सुशोभित कराया है. जिससे इसकी मान्यता एयर बस्ती ही नहीं पूरे देश में फैल सके.
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