Etah News: उत्तर प्रदेश शासन की ओर से महिलाओं को सशक्त बनाने और उत्पीड़न का शिकार हुई महिलाओं की सहायता के लिए एटा जिला मुख्यालय में वन स्टॉप सेंटर की स्थापना की गई है. जहां महिलाओं की हर समस्या का समाधान किया जाता है. एक ही छत के नीचे महिला कांउसलर, मनोचिकित्सक और पुलिस विभाग की मदद से आने वाली पीड़ित महिलाओं की मदद की जाती है.
वन स्टॉप सेंटर में बेसहारा महिलाओं को पुलिस सुरक्षा में रात्रि में रुकने और खाने पीने और इलाज आदि की भी पूरी व्यवस्था की जाती है. एटा जनपद में उप जिला अधिकारी और वन स्टॉप सेंटर का काम काज देख रहे राजीव पांडेय के निर्देशन में वन स्टॉप सेंटर का संचालन किया जा रहा है. इसमे एक सेंटर मैनेजर, 2 केस वर्कर, 2 नर्स, 2 कॉउंसिल मैनेजर के अलावा महिला थाना की पर्याप्त महिला पुलिस कर्मी भी 24 घंटे रहतीं हैं.
उप जिला अधिकारी राजीव पांडेय ने बताया कि ये सेंटर प्रोवेजन कार्यालय के तहत महिला आयोग द्वारा संचालित कराया जा रहा है. पीड़ित महिलाएं जो हमारे पास आतीं है उनको हमारे द्वारा वन स्टॉप सेंटर में सहायता के लिए भेजा जाता है. अभी हाल ही में इसके तहत 11 पीड़ित महिलाओं के मामले सुलझाए गए हैं. पिछले महीनों में वन स्टॉप सेंटर के माध्यम से अनेकों महिलाओं को सहायता पहुंचाई गई है.
उन्होंने बताया कि इस सेंटर पर महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों की भी कॉउंसलिंग की जाती है. कई बार दुष्कर्म पीड़ित महिलाओं को जब कोर्ट में लाया जाता है और उनके बयान आदि करवाये जाते हैं और यदि उनको जरूरत होती है तो वह स्टॉप सेंटर में ही रोका जाता है. यहां महिला काउंसलर और पुलिस सुरक्षा के बीच उनको रखा जाता है और उनकी पूरी मदद की जाती है.
वन स्टॉप सेंटर एटा में तैनात सेंटर मैनेजर ललिता सिंह बतातीं हैं कि वन स्टॉप सेंटर पीड़ित और शोषित महिलाओं का बहुत बड़ा सहारा बन रहा है. उन्होंने बताया कि एटा जनपद के अवागढ़ थाना छेत्र में पिछले दिनों एक महिला के साथ गैंग रेप की घटना हुई. उस महिला की रिपोर्ट नहीं लिखी गई वह दर दर भटकती रही. इसके बाद किसी ने उसको वन स्टॉप सेंटर में जाकर मदद मांगने की सलाह दी. वह महिला जब वन स्टॉप सेंटर एटा पहुंची तो यहां पहले तो उसकी पूरी समस्या सुनी गई और उसके बाद उसको साथ ले जाकर अवागढ़ थाना में जाकर उसकी एफआईआर लिखवाई गयी.
इसके बाद भी लगातार वन टॉप सेंटर द्वारा इस केस की मॉनिटरिंग की जा रही है. इसके अतिरिक्त एटा जनपद के मलावन थाना क्षेत्र की के एक महिला के पति की मौत हो जाने पर उसके ससुराल वालों ने उसको धक्के मारकर घर से निकाल दिया. जब वो महिला वन स्टॉप सेंटर में आई तो उसकी पूरी मदद की गई और महिला पुलिस की सहायता से उसके ससुराल वालों को बुलाकर समझा बुझाकर उसको ससम्मान उसके घर में दाखिल करवाया गया.
इसी तरह के अनेकों मामलों में एटा का वन स्टॉप सेंटर पीड़ित और शोषित महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रहा है. वन स्टॉप सेंटर यानी कि एक सेंटर पर ही महिलाओं की समस्त समस्याओं का समाधान किया जा रहा है. प्रदेश सरकार की ये योजना महिला शशक्तिकरण के क्षेत्र में भी अपना अमूल्य योगदान दे रही है.
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