Prayagraj Violence: प्रयागराज हिंसा के एक साल पूरे, पुलिसिया कार्रवाई पर सवाल, कब पकड़े जाएंगे वारदात में शामिल एक हजार लोग
UP News: प्रयागराज हिंसा (Prayagraj Violence) के एक साल पूरा होने पर अभी भी कई सवालों का जवाब बाकी है. हिंसा के बाकी आरोपी कब पकड़े जाएंगे और कब इस मामले में पुलिस का एक्शन पूरा होगा.
Prayagraj Violence One Year: संगम नगरी प्रयागराज के अटाला इलाके में पिछले साल हुई हिंसा का एक साल पूरा हो गया है. साल भर का वक्त बीतने के बावजूद अभी तक 24 नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. दो दर्जन को छोड़कर एक हजर अज्ञात आरोपी अब भी फरार हैं. हिंसा का मास्टरमाइंड जावेद पंप अभी जेल में जरूर है. हिंसा की बरसी पर इलाके में पुलिस सतर्क रही. गौरतलब है कि पैगंबर मोहम्मद पर बीजेपी नेत्री नूपुर शर्मा की टिप्पणी का विरोध करने अटाला इलाके में साल भर पहले जुमे की नमाज के बाद भीड़ सड़कों पर उतर आई थी. जुमे की नमाज के बाद का प्रदर्शन हिंसक हो गया. घंटों पथराव हुआ, जबरदस्त हिंसा हुई, सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया.
प्रयागराज हिंसा के एक साल मुकम्मल
पुलिस और पब्लिक के कई वाहन आग की चपेट में आ गए. दर्जनों गाड़ियों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया. हिंसक प्रदर्शन में कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए. पुलिस ने हिंसा की खुल्दाबाद और करेली थाने में कई एफआईआर दर्ज की थी. सोशल एक्टिविस्ट जावेद मोहम्मद उर्फ जावेद पंप को हिंसा का मास्टरमाइंड बताने के बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. जावेद पंप के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हुए थे. हिंसा के 2 दिन बाद करेली इलाके में स्थित जावेद का आलीशान मकान जमींदोज कर दिया गया. जावेद पंप अभी देवरिया जेल में बंद है. उसे 3 मामलों में जमानत मिल चुकी है. एनएसए के केस में हाईकोर्ट का फैसला आना बाकी है. पुलिस ने हिंसा मामले में 130 नामजद और एक हजार अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की.
कहां तक पहुंची पुलिसिया कार्रवाई?
अब तक 108 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. अभी तक तकरीबन दो दर्जन अज्ञात लोगों को ही पकड़ा जा सका है. हिंसा करने वाले तमाम लोगों की तस्वीरें सीसीटीवी फुटेज और मीडिया के कैमरों में कैद हुई थीं. पुलिस ने तमाम दंगाइयों की तस्वीरों के पोस्टर भी जगह- जगह लगाए थे. हिंसा की घटना के एक साल पूरे होने पर अटाला इलाके में खास चौकसी बरती जा रही है. बाजार खुले हुए हैं और सड़कों पर आम दिनों की तरह चहल पहल है. प्रयागराज में अब पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू हो चुका है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि हिंसा के बाकी आरोपी कब पकड़े जाएंगे और कब इस मामले में पुलिस का एक्शन पूरा होगा.
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