गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर के एक स्कूल की ऑनलाइन क्लास में पाकिस्तान का राग अलापने पर स्कूल प्रबंधन ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए शिक्षिका को सस्पेंड कर दिया है. शिक्षिका ने ऑनलाइन क्लास में पाकिस्तान और पाकिस्तानी सेना का गुणगान किया है. वहीं प्रबंधन ने शिक्षिका को प्रिंसिपल के माध्यम से नोटिस देने पर शिक्षिका ने इसे मानवीय भूल करार देते हुए माफ करने की गुहार लगाई है. स्कूल प्रबंधन ने टीचिंग में इस तरह की भूल को मानवीय भूल मानने से इंकार करते हुए, उन्हें स्कूल से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. हालांकि अभी उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए भी एक सप्ताह का समय दिया गया है.
गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर के ठीक उत्तर में जीएन नेशनल पब्लिक स्कूल है. कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण स्कूल-कालेज बंद हैं. ऐसे में शिक्षकों को व्हाट्सअप पर ऑनलाइन ग्रुप के माध्यम से कक्षाओं के संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई है. 22 मई को जीएन नेशनल पब्लिक स्कूल के कक्षा 4-ए की ऑनलाइन क्लास में 11 साल से पढ़ा रही शिक्षिका शादाब खानम ने नाउन (संज्ञा) की परिभाषा को समझाते हुए उदाहरण के तौर पर बच्चों को बताया कि ‘राशिद मिनहास वीर सिपाही है.’ इसके साथ ही ‘पाकिस्तान इज ऑवर डीयर होमलैंड’ और ‘द काऊ इस ए यूज फुल एनीमल’ बताया. इसके अलावा उन्होंने उदाहरण में ‘दिस इज ऑवर क्लास’, ‘आई विल ज्वाइन द पाक आर्मी’ और ‘दे आर गुड कंपनी’ का उदाहरण दिया है.
जीएन नेशनल पब्लिक स्कूल की ऑनलाइन क्लास में नाउन समझाने के लिए व्हाट्एसएप ग्रुप में पोस्ट पाठ्य सामग्री में पाकिस्तान के महिमा मंडन वाले कई उदाहरण दिए गए हैं. कक्षा चार-ए की क्लास टीचर शादाब खानम ने यह अजीबोगरीब हरकत की है. जब ये पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो खलबली मच गई. पता चला कि अंग्रेजी की शिक्षिका व क्लास टीचर शादाब खानम ने पाकिस्तान के अलग-अलग तथ्यों का उदाहरण देकर नाउन का मतलब समझाया था. शिक्षिका ने अपने मोबाइल नंबर से व्हाट्स एप ग्रुप पर जो पीडीएफ फाइल उपलब्ध कराई थी, उसमें पाकिस्तान से संबंधित तीन अलग-अलग तथ्य रहे हैं.
व्हाट्सअप ग्रुप की एडमिन है शादाब
पीडीएफ फाइल जैसे ही अभिभावकों के हाथ लगी, वैसे ही हंगामा खड़ा हो गया. अभिभावकों ने इस मामले की व्हाट्सएप पर ही लिखित शिकायत स्कूल प्रबंधन से की और बच्चों पर राष्ट्रविरोधी मानसिकता थोपने का आरोप लगाया. बच्चों के व्हाट्सएप ग्रुप की एडमिन शादाब खानम ही हैं। इस ग्रुप में 40-50 बच्चे जुड़े हैं. इस मामले में शिक्षिका मीडिया के सामने अपना पक्ष रखने के लिए सामने नहीं आईं. जीएन नेशनल पब्लिक स्कूल के प्रबंधक गोरक्ष प्रताप सिंह ने कहा कि ये मानवीय भूल नहीं हो सकती है. जब शिक्षकों को स्कूल में पढ़ाने के लिए इंटरव्यू लिया जाता है, तो उनका क्वालीफिकेशन और उनके व्यवहार के बारे में देखा जाता है.
एक हफ्ते का नोटिस दिया गया है
प्रबंधक गोरक्ष सिंह ने कहा कि आनलाइन क्लास में इस तरह की गलती के लिए शिक्षिका शादाब खानम को नोटिस दिया गया है. उन्होंने अपनी गलती स्वीकार की है. उन्होंने सफाई दी है कि मानवीय भूल के कारण ऐसा हो गया. लेकिन, स्कूल प्रबंधन ने इस पर सख्त रुख अपनाते हुए उन्हें नौकरी से निकालने का फैसला कर लिया है. वहीं इस मामले में अपने लीगल एडवाइजर की राय लेकर प्रिंसिपल के माध्यम नोटिस भेजकर एक सप्ताह में अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया है. उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई के साथ पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई जाएगी. हालांकि इस मामले में गोरखपुर के डीआईओस ज्ञानेन्द्र सिंह भदौरिया ने सीबीएसई बोर्ड का स्कूल होने का हवाला देकर अपना पक्ष रखने से इंकार कर दिया. वहीं आरोपी शिक्षिका भी मीडिया के सामने नहीं आई.
हालांकि इस प्रकरण में स्कूल प्रबंधन शिक्षिका के खिलाफ किसी भी हाल में नरम रुख अख्तियार करने के मूड में नहीं हैं. वो इसे देशद्रोह की श्रेणी में रखता है. तो वहीं इस प्रकरण ने पुलिस और खुफिया एजेंसियों के भी कान खड़े कर दिए हैं.