Onlne Fraud in Ballia: यूपी के कौशांबी में पीसीएफ के एक रिटायर्ड कर्मचारी से संविदा पर काम कर रहे दो साथी कर्मियों ने 7.50 लाख की ऑनलाइन ठगी की है. साइबर शातिरों ने भुक्तभोगी के सिम का क्लोन बनाकर गेटवे, यूपीआई, पेटीएम एवं अन्य माध्यम से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कर लिया था. ठगी की जानकारी होने पर भुक्तभोगी ने एसपी राधेश्याम से मिलकर ऑनलाइन की ठगी की शिकायत की. एसपी के निर्देश पर सर्विलांस, एसओजी एवं मंझनपुर पुलिस को शातिरों की गिरफ्तारी के लिए लगा दिया. छानबीन के दौरान पता चला कि ठगी करने वाले दोनों शातिर पीसीएफ गोदाम में ही संविदा कर्मचारी हैं. टीमों ने मुखबिर की सूचना पर दोनों को मंझनपुर मुख्यालय के पाल चौराहे के पास से गिरफ्तार किया. उनके कब्जे से 4.50 लाख नकद बरामद किया. वहीं 1.16 लाख रुपए खाते से बरामद किया.


खाते में साढ़े सात लाख से ज्यादा की रकम थी


बलिया जनपद के खगरौली डुमरी निवासी शुभ नारायण राम मंझनपुर मुख्यालय के पीसीएफ गोदाम में चतुर्थ श्रेणी के पद पर कार्य करते थे. 30 जून को वह रिटायर हो गए थे. रिटायर होने के बाद उन्हें भव्य विदाई दी गई थी. इसके अलावा पीएफ सहित अन्य निधि से उनके खाते में 7,59,000 रुपए भी विभाग की तरफ से भेजे गए थे. इस बात की जानकारी उनके साथ काम करने वाले गदागंज थाना अंतर्गत पयागपुर पूरेरूप निवासी सर्वेश कुमार एवं कुरौली बुधकर निवासी दीपक कुमार को हो गई थी. दोनों ही पीसीएफ गोदाम में संविदा कर्मचारी हैं. उन लोगों के मन में लालच आया. इसके बाद दोनों ने मिलकर एक योजना तैयार की. 


ऑनलाइन की गई ठगी


जिसके तहत शुभ नारायण के सिम का एक क्लोन तैयार किया और उसके खाते से गेटवे, फोनपे, यूपीआई, पेटीएम सहित अन्य माध्यमों से ऑनलाइन 759000 रुपए की ठगी कर ली. एटीएम का क्लोन तैयार होने की वजह से इसका ओटीपी भी भुक्तभोगी के मोबाइल नंबर पर नहीं पहुंच रहा था. 7 जुलाई को पीड़ित ने जब खाते की जानकारी हासिल की तो सारी रकम गायब थी. भुक्तभोगी शुभ नारायण राम ने एसपी राधेश्याम से मिलकर मामले की शिकायत की. एसपी ने मामले को गंभीरता से लिया और मंझनपुर पुलिस सहित सर्विलांस टीम को जांच सौंप दी.


पकड़ गये शातिर


छानबीन के दौरान तीनों को पता चला कि रिटायर्ड कर्मी के दो साथियों ने ही ऑनलाइन ठगी का कारनामा किया है. मुखबिर की सूचना पर आज पुलिस ने दोनों को मंझनपुर मुख्यालय से सटे पाल चौराहा के पास से गिरफ्तार कर लिया. दोनों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया. उनके खिलाफ आईटी एक्ट सहित अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया. एसपी राधेश्याम ने प्रेसवार्ता कर बताया कि बलिया के एक पीसीएफ के रिटायर्ड कर्मी से 4 जुलाई को एक ठगी का मामला प्रकाश में आया था. इस पर टीम गठित कर दी गई थी. टीम ने 14 दिन के भीतर ही ठगी का खुलासा कर लिया है. दोनों शातिर रायबरेली के रहने वाले हैं, और दोनों ही रिटायर्ड कर्मी के साथ काम करते थे. रिटायर्ड होने के बाद दोनों शातिरों को रकम की जानकारी थी. दोनों ने बड़े ही शातिर ढंग से ऑनलाइन ठगी कर लिया था. उनके कब्जे से 6 लाख 16 हजार रुपए बरामद किए गए हैं.


ये भी पढ़ें.


Bakra Eid in Dehradun: घर पर होगी बकरीद की नमाज, कोरोना गाइडलाइंस का सख्ती से होगा पालन