Lakhimpur News: देश का इकलौता मंदिर जहां मेंढक की पीठ पर विराजमान हैं भगवान शिव, जानिए दिलचस्प कहानी
UP News: मंदिर का इतिहास करीब 200 साल पुराना है और मान्यता है कि सूखे और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा से बचाव के लिए इस मंदिर का निर्माण कराया गया था.
Mendhak Mandir Lakhimpur: देश में भगवान शिव के अलग-अलग अनूठे मान्यता वाले मंदिर विद्यमान हैं. जहां लाखों की संख्या में लोग दर्शन करने के लिए जाते हैं. लेकिन उत्तर प्रदेश में एक ऐसा मंदिर है जो बहुत अनूठा है, क्योंकि यहां भगवान शिव मेंढक की पीठ पर विराजमान हैं और यहां भगवान के साथ में मेंढक की भी पूजा होती है. इस मंदिर की काफी मान्यता है, जिसकी वजह से दूर-दूर से लोग दर्शन करने के लिए आते हैं. अगर आप शिव भक्त हैं तो आपको इस मंदिर के दर्शन करने जरूर जाना चाहिए.
देश में इकलौता मंदिर
यह मंदिर यूपी के लखीमपुर खीरी जिले के ओयल कस्बे में स्थित है, जिसे मेंढक मंदिर भी कहा जाता है. भारत में यह एक इकलौता ऐसा मंदिर है जहां मेंढक की पूजा होती है. या यूं कह लीजिए कि यह अपने देश का एकमात्र मेंढक मंदिर है. मंदिर की आसपास के क्षेत्र में काफी अहमियत है, हम आपको बताएंगे कि आखिर यहां मेंढक की पूजा क्यों की जाती है?
200 साल पुराना है मंदिर
मंदिर का इतिहास करीब 200 साल पुराना है और मान्यता है कि सूखे और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा से बचाव के लिए इस मंदिर का निर्माण कराया गया था. यह जगह ओयल शैव संप्रदाय का प्रमुख केंद्र था और यहां के शासक भगवान शिव के बड़े उपासक थे. इस कस्बे के बीच मंडूक यंत्र पर आधारित प्राचीन शिव मंदिर है. यह क्षेत्र ग्यारहवीं शताब्दी के बाद से 19वीं शताब्दी तक चाहमान शासकों के आधीन रहा है. चाहमान वंश के राजा बख्श सिंह ने ही इस अद्भुत मंदिर का निर्माण करावाया था.
मेंढक की पीठ पर मंदिर
मंदिर की वास्तु परिकल्पना कपिला के एक महान तांत्रिक ने की थी. तंत्रवाद पर आधारित इस मंदिर की वास्तु संरचना अपनी विशेष शैली के कारण विशिष्ट है. सामने से मेंढक की पीठ पर करीब 100 फीट का ये मंदिर अपनी स्थापत्य कला के लिए उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश के शिव मंदिरों में सबसे अलग है. मेंढक मंदिर की खास बात यह भी है कि यहां का शिवलिंग रंग बदलता है और यहां खड़ी नंदी की मूर्ति आपको कहीं देखने को नहीं मिलेगी. सावन के महीने में दूर-दूर से शिव भक्त यहां आकर भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं और आशीर्वाद लेते हैं. दीपावली में भी यहां खूब भीड़ होती है.
मंदिर लखनऊ से 135 किमी दूर
लखीमपुर से ओयल 11 किमी दूर है. यहां जाने के लिए आपको पहले लखीमपुर आना पड़ेगा, आप बस या टैक्सी करके लखीमपुर से ओयल जा सकते हैं. अगर आप फ्लाइट या ट्रेन से आना चाहते हैं तो यहां से सबसे नजदीकी एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन लखनऊ 135 किमी दूर है. यहां से आपको लखीमपुर के लिए बसें मिल जाएगी.