Operation Bhedia: उत्तर प्रदेश के बहराइच में आदमखोर भेड़ियों के आगे वन विभाग और प्रशासन की टीम पूरी तरह फेल नजर आ रही हैं. पिछले दो महीनों से भेड़ियों ने यहां 30 से ज्यादा गाँवों में दहशत मचा रखी है. इस बीच महसी तहसील में एक बार फिर भेड़ियों ने तीन लोगों को अपना शिकार बनाया. इनमें एक बुजुर्ग और दो बच्चे शामिल हैं. लेकिन, वन विभाग का दावा है कि ये हमले भेड़ियों ने नहीं बल्कि जंगली कुत्तों ने किए हैं. 


बहराइच में अब तक भेड़ियों के हमले में दस की जान जा चुकी है तो वहीं 35 से ज्यादा लोग घायल हैं. गुरुवार रात को भी महसी के लोधनपुरवा गाँव में भेड़िये ने एक आठ साल के बच्चे पर हमला कर घायल कर दिया. वहीं दूसरा हमला शुक्रवार सुबह किया जब गांव के बुजुर्ग कृपाराम अपने पोते के साथ बैठे थे. गांववालों का कहना है ये सभी भेड़िये के हमले में घायल हुए हैं. लेकिन, वन विभाग ने इस दावे को गलत बताया. 


वन विभाग ने जंगली कुत्तों के हमले का दावा किया
वन विभाग के अधिकारी अजीत प्रताप सिंह ने इन हमलों को जंगली कुत्तों का हमला बताया है. उन्होंने बताया कि घटना वाले स्थल की वन कर्मियों से जाँच कराई गई है. लेकिन उस इलाके में कहीं भी भेड़ियों के पदचिन्ह नहीं मिले हैं. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों द्वारा कुत्तों को मारने की जानकारी मिली है. इन हमलों में जंगली कुत्तों के होने की बात सामने आ रही है. 


इस बीच इलाके में भेड़ियों की दहशत कम होने का नाम नहीं ले रही है. लोग बुरी तरह डरे हुए हैं. दिन में भी घर से बाहर निकलने में डर लग रहा है. शाम होते ही पूरा इलाका सुनसान हो जाता है. भेड़ियों के पकड़ने के लिए वन विभाग ने तीस टीमें लगाई हैं. ड्रोन से लगातार पूरे इलाके की निगरानी की जा रही है लेकिन अब तक प्रशासन को सफलता नहीं मिल पाई है. वन विभाग ने चार भेड़िये पकड़ लिए है. लेकिन बाकी भेड़ियों को पकड़ पाना प्रशासन के लिए चुनौती बन गया है. 


दूसरी तरह भेड़ियों के हमले में घायल मरीजों की मीडिया कवरेज पर भी रोक लगा दी गई है. अस्पताल प्रशासन ने मीडिया को मरीजों के पास जाने को प्रतिबंधित कर दिया है. ये कदम एक मीडिया कर्मी से हुई बहस के बाद उठाया गया है. डॉक्टरों का कहना है कि बार-बार लोगों के आने से मरीजों में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है जिसे देखते हुए ये फ़ैसला लिया गया. 


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