लखनऊ, संतोष कुमार शर्मा: बाहुबली मुख्तार अंसारी के आर्थिक साम्राज्य को ध्वस्त करने में लगी उत्तर प्रदेश पुलिस और लखनऊ विकास प्राधिकरण के रडार पर अब मुख्तार के कई ऐसे सफेदपोश बिल्डर आने जा रहे है जो कभी मुख्तार के लिए गाड़ी चलाते थे, असलहा उठाते थे. आज ये सफेदपोश शहर के नामचीन बिल्डर, व्यवसाई और नेता हो गए हैं. यानी मुख्तार अंसारी की काली कमाई राजधानी लखनऊ में जो लोग खपा रहे हैं वो सफेदपोश होकर मुख्तार अंसारी के अपराध की दुनिया के मददगार हैं.


सरकार की है पैनी निगाह
मऊ और गाजीपुर में तो पुलिस ने मुख्तार अंसारी के अवैध मीट कारोबार, मछली कारोबार, जमीन कारोबारी से लेकर कोयला कारोबारी और बिल्डरों तक शिकंजा कस दिया है. लेकिन, राजधानी लखनऊ में अभी इसकी शुरुआत होना बाकी है. पुलिस और एलडीए सूत्रों की मानें तो लखनऊ शहर के 8 ऐसे बड़े बिल्डर और व्यवसायी हैं जो अब सरकारी तंत्र की निगाह में है.


पार्किंग का ठेका चलाने वाला बन गया बड़ा ठेकेदार
साल 2006 में लखनऊ एयरपोर्ट पर पार्किंग का ठेका चलाने वाला मुख्तार का गुर्गा तत्कालीन एसएसपी अखिल कुमार के रडार पर आया तो एयरपोर्ट पर होने वाली मुख्तार के गुर्गों की गुंडई तो खत्म हो गई, ठेका भी खत्म हो गया. लेकिन, उसका गुर्गा अब जल निगम का बड़ा ठेकेदार हो गया है. हाल ही में लखनऊ और रायबरेली में जल निगम और सिंचाई विभाग में हुए करोड़ों के प्रोजेक्ट का बड़ा ठेका मुख्तार के इसी गुर्गे के पास है.


जमीनों पर किया कब्जा
बतौर विधायक मुख्तार अंसारी जब भी लखनऊ में रहा तो वो हुसैनगंज स्थित एक बिल्डर के फ्लैट नम्बर 802 पर ही रुका. कहते हैं मुख्तार अंसारी फ्लैट में आराम करता था और उस दौरान बिल्डर मुख्तार की गाड़ियों का काफिला लेकर लखनऊ में जमीनों पर कब्जा करने निकल जाता था. आज हुसैनगंज से लेकर गोमती नगर, हजरतगंज में इस बिल्डर के नाम की तूती बोलती है. लखनऊ के बड़े बिल्डरों में इसका नाम शुमार किया जाता है.


मुख्तार ने बिल्डर को बचाया
ऐसे ही मुख्तार अंसारी जब बीएसपी में था तो पुराने लखनऊ में डॉक्टर के नाम से मशहूर एक बिल्डर ने सरोजिनी नगर से लेकर ठाकुरगंज तक तमाम जमीनों पर कब्जा किया. किसानों को धमकाकर जमीनें लिखवाईं और फिर उन पर कॉलोनियां बसा दीं. कहते तो यहां तक हैं कि जब भी इस डॉक्टर बिल्डर पर कार्रवाई की बात आई तो मुख्तार अंसारी ने अपना वीटो पावर लगाकर उस कार्रवाई को रुकवा दिया. हाल ही में लखनऊ में हुई एक फायरिंग के मामले में भी डॉ बिल्डर के बेटे का नाम सामने आया था.


गुर्गे करते रहे खेल
कृष्णा नगर की एक कीमती जमीन पर कब्जे का सिंधी परिवार ने विरोध किया तो मुख्तार के गुर्गों ने उस परिवार को धमकाया था और जमीन उस डॉक्टर बिल्डर के नाम कर दी गई थी. चर्चा तो यहां तक है कि गुरुवार को लखनऊ विकास प्राधिकरण ने मुख्तार अंसारी के दोनों बेटों के नाम पर जिस निष्क्रांत संपत्ति पर बनी इमारत को जमींदोज किया, जमीन के उस टुकड़े को पहले मुख्तार की मां और फिर उसके बेटों के नाम दर्ज करवाने में पुराने लखनऊ के इसी डॉक्टर बिल्डर का हाथ था.


मुख्तार का रखता था ख्याल
वर्तमान में मुख्तार अंसारी के सबसे खासम खास गुर्गों में शुमार किया जाने वाला और उसका करीबी रिश्तेदार भी बिल्डर हो गया है. मुख्तार अंसारी जब-जब पेशी पर आया तो जेल से लेकर कोर्ट तक सारा बंदोबस्त संभालने वाले इस गुर्गे ने भी फैजाबाद के बीबीडी कॉलेज के सामने बहुमंजिला हॉस्टल बना दिया. मुख्तार के गुर्गे ने खुद भी सीतापुर रोड पर एक आलीशान कोठी बनवा कर अपना अलग कारोबार शुरू किया लेकिन नाम मुख्तार का ही लिया जाता है. इतना ही नहीं मुख्यमंत्री आवास से गोमतीनगर को जोड़ने वाले लोहिया पथ के किनारे बसी कॉलोनी के एक व्यवसाई को पार्टनर बनाका मुख्तार के इस गुर्गे ने कई पुलिस अफसरों के दम पर कीमती जमीन कब्जा की और हाल ही में शहीद पथ के किनारे एक बड़ी कॉलोनी की प्लानिंग बेच रहा है.


नेता बन गए
लखनऊ एयरपोर्ट पर जिस शख्स के नाम पर मुख्तार ने पार्किंग का ठेका लिया था वो अब एक राष्ट्रीय पार्टी के नेता हो गए हैं. गाजीपुर से ताल्लुक रखने वाले ये नेताजी आज सीतापुर रोड पर एक बड़ी फैक्ट्री चला रहे हैं लेकिन उनका दखल मुख्तार के दम पर जमीनों के धंधे में लगातार बढ़ता जा रहा है. हाल ही में लखनऊ के आलमबाग इलाके से जिस सूदखोर और दबंग जुगनू वालिया पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उसकी लग्जरी गाड़ियों को सीज किया था उस जुगनू वालिया का आलमबाग और तालकटोरा इलाके में फैला धंधा मुख्तार के बेटे उमर से दोस्ती का ही नतीजा है.


मुख्तार के दम पर करोड़ों कमाए
हाल ही में लखनऊ के वजीरगंज थाना क्षेत्र में दिनदहाड़े हुई करोड़ों की लूट के मामले में लखनऊ पुलिस ने जिस सिराज को लूट और हत्या की साजिश में जेल भेजा वो सिराज और उसके बिल्डर भाइयों का सीधा कनेक्शन मुख्तार से ही रहा है. पुराने लखनऊ के वजीरगंज, गोलागंज, लखनऊ सिटी स्टेशन के आसपास बनी तमाम संकरी गलियों की बहुमंजिला इमारतों को सिराज और उसके भाइयों ने मुख्तार अंसारी के दम पर खड़ा किया और करोड़ों रुपए बनाए.


कनेक्शन मुख्तार से जुड़े
जुगनू वालिया, सिराज ये वो नाम है जिनको लखनऊ पुलिस ने अपने दस्तावेजों में भी मुख्तार का ही गुर्गा माना और जिन पर कार्रवाई लंबित है. लेकिन, तमाम ऐसे व्यवसायी और बिल्डर हैं जो कहने को तो अपना काम कर रहे हैं लेकिन उनके अपने धंधे के पीछे भाई का धंधा शामिल है.


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