Kedarnath Yatra 2023: केदारनाथ धाम की पैदल यात्रा में घोड़े-खच्चरों की अहम भूमिका होती है. धाम तक यात्रियों को छोड़ने के साथ आवश्यक सामग्री की आपूर्ति भी घोड़े-खच्चरों से की जाती है. केदारनाथ धाम की पैदल यात्रा में अक्सर पशु क्रूरता के ममले सामने आते थे. अब घोड़ा-खच्चर संचालन पर दिशानिर्देश जारी हुआ है. पशुपालन सचिव बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने बताया कि केदारनाथ यात्रा के दौरान घोड़े-खच्चरों का संचालन सिर्फ दिन में एक बार किया जाएगा. उन्होंने बताया कि घोड़े-खच्चरों पर बोझ लादने का मुद्दा भी हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान उठा था.


केदारनाथ यात्रा में घोड़े-खच्चरों के संचालन पर दिशानिर्देश


पशुपालन सचिव ने कहा कि केदारनाथ यात्रा मार्ग में कुल 4 मवेशी अस्पताल खोले जाएंगे. 2 स्थायी और 2 अस्थायी मवेशी अस्पातल होंगे. यात्रा पर निकलने से पहले घोड़े-खच्चरों की मेडिकल जांच की जाएगी. अस्वस्थ घोड़े-खच्चर ले जाने पर संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उत्तराखंड की रहने वाली गोरी मोलखी एक वन्यजीव प्रेमी हैं. एनजीओ से जुड़ी गोरी मोलखी ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर कर केदारनाथ धाम यात्रा के दौरान पशु क्रूरता का मुद्दा उठाया था. उन्होंने केदारनाथ में धाम यात्रा के दौरान घोड़ों और खच्चरों से हो रहे क्रूरता पर चिंता जताई थी.


नियमों का उल्लंघन करने पर संचालकों के खिलाफ कार्रवाई


याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को घोड़ा-खच्चर संचालन संबंधी निर्देश दिए. हाईकोर्ट के आदेश पर अब फैसला लिया गया है कि केदारनाथ यात्रा रात में नहीं चलेगी. सिर्फ दिन में धाम यात्रा के दौरान घोड़े और खच्चरों का इस्तेमाल किया जा सकता है. घोड़े और खच्चर केवल दिन में चलेंगे और एक बार में सिर्फ एक ही चक्कर कर पाएंगे. पशुपालन सचिव ने बताया कि घोड़े-खच्चरों पर वजन के लिए भी गाइडलाइन बनाई जा रही है. आपको बता दें पिछले दिनों केदारनाथ यात्रा के वीडियो सामने आए थे. घोड़े और खच्चरों के साथ हो रही क्रूरता पर वन्यजीव प्रेमियों ने नाराजगी जताई थी. उत्तराखंड सरकार ने फैसला किया है कि केदारनाथ यात्रा केवल दिन में चलाई जाएगी. घोड़े और खच्चरों को केवल दिन में एक चक्कर पूरा करने का संचालकों को अधिकार होगा. 


ICC World Cup 2023: ताजमहल में फोटोशूट के लिए लाई गई ट्रॉफी, उत्साहित खेल प्रेमियों में सेल्फी लेने की मची होड़