लखनऊ: कोरोना काल में विपक्ष ने की विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग, भाजपा बोली- माफ नहीं करेगी जनता
उत्तर प्रदेश नया सिसासी संग्राम छिड़ गया है. विपक्ष ने सरकार को घेरते हुए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की हौ तो वहीं, सत्ता पक्ष का कहना है कि कोरोना और लॉकडाउन के पूरे 3 महीने के दौरान विपक्ष के लोग घरों से बाहर नहीं निकले. प्रदेश की जनता उन्हें माफ नहीं करेगी.
लखनऊ, अनुभव शुक्ला: कोरोना महामारी की वजह से उत्तर प्रदेश में सियासी गतिविधियां बिल्कुल थम सी गई हैं. कोरना के चलते उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र को लेकर भी अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है. इस पूरे मसले को लेकर अब सियासत भी शुरू हो गई है. विपक्ष विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रहा है. विपक्ष की इस मांग पर सत्ता पक्ष का कहना है कि इस पूरे कोरोना काल में विपक्ष ने केवल ट्विटर की राजनीति की है और उसे प्रदेश की जनता माफ नहीं करेगी.
उत्तर प्रदेश विधानसभा का आखिरी सत्र फरवरी में हुआ था. इस सत्र में सरकार ने अपना बजट पेश किया था. हालांकि, जून के आखिरी या जुलाई महीने में अमूमन सरकार मानसून सत्र बुलाती है, लेकिन इस बार कोरोना के चलते अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है कि यह सत्र कब बुलाया जाएगा. वहीं, विपक्ष लगातार सरकार पर यह आरोप लगा रहा है कि वो कोरोना से निपटने में फेल है और इसलिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाए जिससे विरोधी दल भी अपना सुझाव सरकार को दे सकें और सरकार उस पर अमल करे.
विपक्ष के इन आरोपों पर सत्ता पक्ष का कहना है कि दरअसल, कोरोना और लॉकडाउन के पूरे 3 महीने के दौरान विपक्ष के लोग घरों से बाहर नहीं निकले. विपक्ष के लोगों ने किसी की मदद तक नहीं की और केवल ट्विटर पर ही एक्टिव नजर आए. इस महामारी के समय भी विपक्ष राजनीति से बाज नहीं आ रहा है इसके लिए प्रदेश की जनता उन्हें माफ नहीं करेगी. जबकि, विपक्ष का साफ तौर पर कहना है कि सरकार को जो इंतजाम करने चाहिए थे वो इंतजाम नाकाफी रहे. इसलिए, वो यह चाहते हैं कि विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाए जिसमें सारी चीजों पर चर्चा हो सके.