लखनऊ. यूपी में दुर्गा पूजा के सार्वजनिक आयोजनों की अनुमति न दिए जाने के मामले में सियासत तेज हो गई है. विपक्षी दल कांग्रेस और सपा ने योगी सरकार से दुर्गा पूजा पंडालों पर प्रतिबंध को हटाने की मांग की है. सपा के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में विपक्ष के नेता राम गोविंद चौधरी ने कहा कि दुर्गा पूजा पंडालों पर प्रतिबंध लगाना लोगों के धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार पर सीधा हमला करना है.
"रामलीला आयोजन की मंजूरी तो दुर्गा पूजा की क्यों नहीं"
राम गोविंद चौधरी ने कहा, "दुगा र्पूजा पंडालों को अनुमति नहीं देने का राज्य सरकार का निर्णय मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है. सरकार को समारोह के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य सुरक्षा प्रोटोकॉल सुनिश्चित करना चाहिए. यदि राज्य सरकार लोगों की निर्धारित संख्या के साथ रामलीला आयोजित करने की अनुमति दे सकती है तो दुर्गा पूजा पंडालों को अनुमति क्यों नहीं दे सकते."
कांग्रेस ने भी साधा निशाना
उधर, कांग्रेस ने भी इस मुद्दे को लेकर योगी सरकार पर हमला बोला है. कांग्रेस के बंगाल प्रभारी जितिन प्रसाद ने कहा, "मध्य प्रदेश में बड़े पैमाने पर राजनीतिक रैलियां निकालने की अनुमति दी जा सकती है, लेकिन यूपी में बीजेपी सरकार बंगाली समुदाय को प्रतिबंधों के साथ दुर्गा पूजा मनाने की अनुमति नहीं दे रही है. यह साफ तौर पर दर्शाती है कि उनके लिए राजनीति ही जरूरी है."
जितिन प्रसाद ने आगे कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर भाजपा चयनात्मक नहीं हो सकती है, ना ही इसके लिए वो महामारी का उपयोग कर सकती है. बता दें कि यूपी की योगी सरकार ने दुर्गा पूजा को लेकर निर्देश दिए हैं कि लोग घर पर ही पूजा करें. वहीं अधिकारियों को कोविड-19 प्रोटोकॉल सुनिश्चित करते हुए 100 लोगों के साथ रामलीला आयोजित करने की अनुमति दी है.
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