लोकसभा (Lok Sabha) की कार्यवाही के दौरान मंगलवार को सदन के शीतकालीन सत्र से 41 और सांसदों को निलंबित कर दिया गया. इन सांसदों में समाजवादी पार्टी की नेता और सांसद डिंपल यादव Dimple Yadav) भी शामिल हैं. अपने निलंबन पर डिंपल यादव ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार पर जमकर निशाना साधा. डिंपल के अलावा यूपी से एसटी हसन और दानिश अली को सस्पेंड किया गया है.
विपक्षी सांसदों निलंबन पर सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा, "आज लगभग 40 से ज्यादा सांसद निलंबित हुए हैं. कल भी लोकसभा और राज्यसभा में मिलाकर 80 से ज्यादा सांसद निलंबित हुए. यह लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है. जो वातावरण हम देख रहे हैं, जहां हम संसद में अपनी बात नहीं रख पा रहे हैं वह सरकार की पूरी विफलता को दर्शाता है."
दीगर है कि लोकसभा में केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सुप्रिया सुले, मनीष तिवारी, शशि थरूर, मोहम्मद फैसल, कार्ति चिदंबरम, सुदीप बंधोपाध्याय, डिंपल यादव और दानिश अली सहित अन्य विपक्षी सांसदों को निलंबित करने का प्रस्ताव रखा.
निलंबन पर दानिश अली ने कहा "यह अजीब है कि अध्यक्ष कहते हैं कि हमें निलंबित किया जा रहा है क्योंकि हमने संसदीय मर्यादा का उल्लंघन किया है. सरकार से सवाल पूछना कैसे संसदीय मर्यादा उल्लंघन की श्रेणी में आता है?"
दानिश अली ने कहा- जब सदन में गालियां दी गईं तो इसका उल्लंघन नहीं हुआ, उस सांसद को न तो निलंबित किया गया और न ही उसके खिलाफ कोई कार्रवाई की गई. बसपा के पूर्व नेता ने कहा कि 'जिस भाजपा सांसद के पास पर हमलावर सदन में घुसे, उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. कोई बयान मत दीजिए. मुझे समझ नहीं आता कि सरकार से सवाल पूछना कब उल्लंघन माना जाएगा'