लखनऊ. उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2022 में होने हैं लेकिन उससे पहले आठ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. इन सीटों पर जीत के लिये सभी दल अपनी जोर आजमाइश में लगे हैं. केंद्र सरकार के किसान कानून का विरोध प्रदर्शन में सभी दल अब शामिल हो गये हैं. सोमवार को कांग्रेस और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी ने राजधानी लखनऊ में प्रदर्शन किया. किसान बिल पर जहां कांग्रेस ने केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया तो वहीं, बेरोजगारी और किसानों की समस्याओं को लेकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी ने भी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया.


हालांकि पुलिस ने दोनों ही पार्टियों के कार्यकर्ताओं को बैरिकेडिंग लगाकर अलग-अलग जगहों पर रोक दिया इस दौरान कार्यकर्ताओं की पुलिस से धक्का-मुक्की भी हुई और पुलिस को लाठियां भी भांजनी पड़ी.


लखनऊ में कांग्रेस और प्रसपा का प्रदर्शन


सोमवार को एक तरफ किसान बिल को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ता परिवर्तन चौक से राजभवन तक पैदल मार्च करने वाले थे, तो वहीं दूसरी तरफ शिवपाल यादव की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता बेरोजगारी के मुद्दे पर मुख्यमंत्री आवास तक कुच करने वाले थे. लेकिन पुलिस ने दोनों ही पार्टी के कार्यकर्ताओं को आगे नहीं जाने दिया. प्रसपा के कार्यकर्ताओं को पार्टी दफ्तर के बाहर ही बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया गया. कार्यकर्ता जब बैरिकेडिंग लांघ कर सीएम आवास जाने की कोशिश करने लगे तो पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया.


तकरीबन डेढ़ घंटे से ज्यादा वक्त तक परिवर्तन चौक पर गहमागहमी का माहौल रहा प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू पुलिस को चकमा देकर कार्यकर्ताओं के साथ अचानक परिवर्तन चौक पहुंच गए और फिर पुलिस वालों ने अजय लल्लू को हिरासत में ले लिया.


बिल के विरोध में सियासी फायदे


विपक्ष के पास किसान कानून को लेकर सरकार के खिलाफ एक मुद्दा मिल गया है और सभी दल अपने अपने तरीके से इसके सियासी फायदे लेने में जुटे हैं. राज्य में होने वाले उपचुनाव को सत्ता का सेमीफाइनल कहा जा रहा है. ऐसे में विपक्षी दलों के बीच खुद को जनता का सबसे बड़ा हितैषी दिखाने की होड़ मची है.