(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
उरई जेल को मिला प्रदेश में तीसरा स्थान, जेल अधीक्षक को दिया गया आईएसओ सर्टिफिकेट
अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन की ओर से प्रदेश भर की जेलों में सर्वे कराया गया था. जिसमें उरई जेल को पूरे प्रदेश में तीसरा स्थान मिला है. वहीं कैबिनेट मंत्री की ओर से जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा को आईएसओ सर्टिफिकेट सौंपकर सम्मानित किया गया.
जालौनः उत्तर प्रदेश में बंदियों के सुधारात्मक रवैये और अनुशासन को लेकर उरई जेल ने पर प्रदेश में तीसरा स्थान प्राप्त किया है. जिसमें केबिनेट मंत्री और जिलाधिकारी जालौन की ओर से जेल अधीक्षक को सम्मानित भी किया गया.
उरई जेल को मिला आईएसओ सर्टिफिकेट
बता दें कि, अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन की ओर से प्रदेश भर की जेलों में किए गए सर्वे में उरई जेल को प्रदेश की अच्छी जेलों में शुमार किया गया. जिसमें कैबिनेट मंत्री की ओर से जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा को आईएसओ सर्टिफिकेट सौंपकर सम्मानित किया गया. कैबिनेट मंत्री ने जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा की ओर से जेल में कराए जा रहे कार्यों की प्रशंसा भी की.
जेल में हुए बंदी सुधार के कई कार्यक्रम
उरई जेल का चार्ज लेने के बाद जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा ने यहां पर बंदियों के लिए सुधारात्मक काम किए है. जिसमें शैक्षणिक कार्य, पुस्तकालय, रोजगार परक प्रशिक्षण कार्यक्रम, बंदियों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए विभिन्न संस्थाओं जिसमें पतंजलि योगपीठ, आर्ट ऑफ लिविंग और प्रजापति ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की ओर से कई कार्यक्रम आयोजित हुए.
कैदियों का हुआ शारीरिक व मानसिक विकास
इन सभी कार्यक्रमों के होने से उरई जेल के बंदियों ने काफी सुधारात्मक रवैया अपनाया और उनका शारीरिक और मानसिक विकास हुआ. जिसमें कई बार अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन ने उरई जेल का निरीक्षण किया जिसमें देश भर की जेलों में उरई जेल को अच्छी जेल मानते हुए संगठन की ओर से आईएसओ 9001: 2015 प्रमाण पत्र जारी किया गया.
जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा ने बताया कि जिनेवा की एक संस्था है जो किसी भी संस्थान को इस आधार पर प्रमाणित करती हैं कि संस्था के जो भी मानक हैं वह मानक मैनुअल को पूरा करते हैं, तो वह संस्था को आईएसओ सर्टिफिकेट प्रदान करते हैं.
आईएसओ संस्था ने 5 से 6 राउंड में किया सर्वे
सीताराम शर्मा का कहना है कि जेल की संकल्पना है कि जेल में कैदियों को मानसिक सुधार और उनकी व्यवहार में सुधार किया जा सके. जिससे वह जब जेल से बाहर जाएं तो वह लोग समाज के उपयोगी अंग बन पाएं. इस सारे मानकों को आईएसओ ने 5 से 6 राउंड के सर्वे के दौरान आईएसओ सर्टिफिकेट प्रदान किया है. प्रदेश भर की दो अन्य जेलों को यह सर्टिफिकेट मिल चुका है यह तीसरी जेल है जिसको आईएसओ सर्टिफिकेट मिला है.
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