Uttarakhand News: उत्तराखंड में जंगल की सुरक्षा करने वाले दैनिक कर्मचारियों को भूखों मरने की नौबत आ गई है. पिछले 8 महीनों से दैनिक कर्मचारियों की सुध लेनेवाला कोई नहीं है. वेतन नहीं मिलने के कारण कर्मचारियों पर मुसीबतों का पहाड़ टूट गया है. धैर्य जवाब देने पर उन्होंने रामनगर डीएफओ कार्यालय का घेराव कर नारेबाजी की. कर्मचारियों के प्रदर्शन से मौके पर अफरा-तफरी की स्थिति बन गई. हंगामा कर रहे कर्मचारियों को डीएफओ दीगांत नायक ने मिलने के लिए बुलाया. मुलाकात के दौरान प्रदर्शनकारियों ने काम बंद करने की चेतावनी दी.


8 माह से दैनिक कर्मचारियों को नहीं मिला वेतन


उत्तराखंड वन विभाग में अधिकतर आउटसोर्स और उपनल कर्मचारियों के भरोसे काम चल रहे हैं. रामनगर वन प्रभाग में आउटसोर्स और उपनल के तहत तैनात 129 कर्मचारियों को 8 माह से वेतन नहीं मिला है. वेतन नहीं मिलने से दैनिक कर्मचारियों को परिवार का भरण-पोषण करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.


डीएफओ कार्यालय का घेराव कर की नारेबाजी


सचिव आरके सुधांशु ने वेतन नहीं मिलने को बहुत गंभीर मुद्दा माना. उन्होंने कहा कि मीडिया के जरिए मामला पहली बार संज्ञान में आया है. उन्होंने भी दैनिक कर्मचारियों को वेतन मिलने का समर्थन किया. सचिव ने जांच के बाद दैनिक कर्मचारियों को वेतन दिलाने का आश्वासन दिया. आपको बता दें कि उत्तराखंड में अधिकांश जंगलों की सुरक्षा की जिम्मेदारी आउटसोर्सिंग से रखे गए कर्मचारियों के कंधों पर है.


पिछले 8 महीनों से वेतन नहीं मिलने पर जंगल की सुरक्षा का सवाल है. दैनिक कर्मचारियों को जंगली की गश्ती से लेकर चौकियों पर निगरानी का काम करना पड़ता है. लगातार तनख्वाह की मांग के बावजूद सरकार ने मामले का संज्ञान नहीं लिया. अब प्रदर्शन करने के बाद शासन की नींद खुली है. मीडिया की तरफ से मुद्दा उठाने के बाद वेतन की समस्या का समाधान होने की उम्मीद बढ़ गई है.


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