Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हाल ही में एडिशनल एसपी श्वेता श्रीवास्तव के बेटे नामिश की तेज रफ्तार एसयूवी की चपेट में आने से मौत हो गई थी. जिसके बाद अब राजधानी लखनऊ में तेज रफ्तार से वाहन चलाने वालों पर पुलिस का शिकंजा कसने लगा है. दरअसल शहर में पहली बार ओवर स्पीडिंग पर लगाम लगाने के लिए प्रशासन की ओर से कदम बढ़ाते हुए एफआईआर दर्ज की गई है.
राजधानी लखनऊ में तेज रफ्तार से वाहन चलाने वाले तकरीबन 121 वाहन चालकों के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई गई है. फिलहाल यह आंकड़ा एक ही दिन का नहीं है, यह 121 वाहन चालक वह लोग हैं, जिनका एक नवंबर से लेकर 24 नवंबर के बीच ओवर स्पीड को लेकर दो या उससे ज्यादा बार चालान कटा है. पुलिस विभाग की ओर से ओवर स्पीड के खिलाफ यह पहला बड़ा कदम है.
आईटीएमएस के किए गए चालान से मिली मदद
लखनऊ पुलिस की ओर से मिली जानकारी के अनुसार यह एफआईआर आईटीएमएस प्रभारी सुधीर बाबू की तहरीर पर दर्ज की गई है. इसके अनुसार वाहन चालकों के खिलाफ आईपीसी की धारा 279 और आईपीसी की धारा 336 के तहत केस दर्ज किया गया है. वहीं इन सभी वाहन नंबरों को आईटीएमएस की ओर से किए गए चालान की मदद से इकट्ठा किया गया है.
102 वाहन लखनऊ में रजिस्टर्ड
बता दें कि जिन 121 वाहन चालकों के खिलाफ ओवर स्पिडिंग का मुकदमा दर्ज किया गया है. उनमें से 102 वाहन चालक लखनऊ के रजिस्टर्ड हैं जबकि 19 वाहन दूसरे जिलों के हैं. जिनमें एक नोएडा, एक गाजियाबाद, एक दिल्ली, एक हरदोई, एक लखीमपुर खीरी, एक बहराइच, एक वाराणसी, एक झांसी, दो बरेली, दो सीतापुर, चार कानपुर समेत तीन वाहन उत्तर प्रदेश के बाहर से थे. जिनमें एक गुजरात, एक महाराष्ट्र और एक पंजाब का वाहन शामिल है. बता दें कि, एएसपी श्वेता श्रीवास्तव के बेटे को स्केटिंग करते समय तेज रफ्तार ने टक्कर मार दी थी. जिससे उसकी जान चली गई.
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