Coronavirus: राहत भरी खबर, यूपी के इस जिले में महज एक रुपये में रिफिल हो रहा है ऑक्सीजन सिलेंडर
उत्तर प्रदेश में भी ऑक्सीजन की भारी कमी देखने को मिल रही है. राजधानी लखनऊ सहित अन्य जिलों में लोग ऑक्सीजन के लिए भटकने पर मजबूर हैं. संकट के इस दौर में ये फैक्ट्री लोगों के लिए उम्मीद की किरण बन गई है.
हमीरपुर: कोरोना महामारी के दौर में ऑक्सीजन की किल्लत सबसे बड़ी समस्या बन गई है. हजारों रुपये खर्च करने के बाद भी लोगों को ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है. ऐसे में राहत भरी खबर हमीरपुर से सामने आई है जहां रिमझिम इस्पात फैक्ट्री ने महज एक रुपये में ऑक्सीजन उपलब्ध है.
लगातार बढ़ रहा है मौतों का आंकड़ा
कोरोना की दूसरी लहर लोगों पर कहर बनकर टूट रही है. महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में भी मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. लगातार बढ़ रहे केसों की वजह से एक तरफ जहां लोगों को अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ ऑक्सीजन की किल्लत ने परेशानी को और बढ़ा दिया है. इस बीच राहत भरी खबर हमीरपुर से सामने आई है जहां सुमेरपुर में स्थित रिमझिम इस्पात फैक्टी ने आम लोगों की परेशानी को देखते हुए अपने ऑक्सीजन प्लांट से महज एक रुपये में ऑक्सीजन सिलेंडर रिफिल करने का बीड़ा उठाया है.
ऑक्सीजन की भारी
उत्तर प्रदेश में भी ऑक्सीजन की भारी कमी देखने को मिल रही है. राजधानी लखनऊ सहित अन्य जिलों में लोग ऑक्सीजन के लिए भटकने पर मजबूर हैं. संकट के इस दौर में रिमझिम इस्पात फैक्ट्री के एमडी योगेश अग्रवाल लोगों के लिए मसीहा बनकर उभरे हैं. उन्होंने अपनी फैक्ट्री के ऑक्सीजन प्लांट से सभी सरकारी, गैर सरकारी अस्पतालों को महज एक रुपये में ऑक्सीजन रिफिल करने का एलान किया है. जिसके बाद प्लांट में लगातार ऑक्सीजन रिफलिंग के लिए गाड़ियां पहुंच रही हैं. प्रदेश के तमाम जिलों वाराणसी, कानपुर, लखनऊ, झांसी, बांदा सहित सभी जगह के अस्पतालों से ऑक्सीजन लेने के लिए गाड़ियां यहां पहुंच रही हैं.
उपलब्ध करवाई जाएगी ऑक्सीजन
फैक्ट्री प्रबंधन सरकारी अस्पतालों के साथ में प्राइवेट अस्पतालों को भी एक रुपये में ऑक्सीजन रिफिल करेगा. वहीं, अगर किसी व्यक्ति को अपने मरीज के लिए ऑक्सीजन की जरूरत है तो उसे भी फैक्ट्री की तरफ से ऑक्सीजन उपलब्ध करवाई जाएगी. बस ऐसे व्यक्तियों को अपने मरीज की डिटेल और डॉक्टरों की तरफ से मरीज को ऑक्सीजन की जरूरत का कोई प्रमाण देना होगा. प्रमाण इसलिए क्योंकि कोई बिचौलिया एक रुपए में सिलेंडर लेकर उसको बाजार में महंगे दामों में न बेच सके.
लोग कर रहे हैं तारीफ
कोरोना के इस दौर ने सबको घुटनों पर ला दिया है. ऐसे दौर में लोग अपने करीबियों की चाहकर भी मदद भी नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में ना तो दौलत काम आ रही है और ना ही शोहरत. लोग अपने-अपने तरीके से एक दूसरे की मदद करने की कोशिश कर रहे हैं. रिमझिम इस्पात फैक्ट्री के प्रबंधन का ये फैसला लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है. कोरोना काल में लोग इस पहल की तारीफ भी कर रहे हैं.
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