आजमगढ़. भले ही प्रदेश सरकार सूबे में स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने और सब कुछ पटरी पर आने का दावा कर रही है लेकिन सरकारी अस्पताल मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो रहे हैं. आजमगढ़ के निवासी और पीएसी में तैनात कांस्टेबल की तबीयत अचानक खराब होने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. परिजनों का आरोप है कि ऑक्सीजन के अभाव के चलते कांस्टेबल की मौत हो गई. जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक का कहना है कि ऑक्सीजन की कमी नहीं है, हालांकि इस मामले में कमेटी बनाकर जांच का आदेश दिया गया है.


यूपी में सत्ता परिवर्तन तो जरूर हुए पर सिस्टम में अभी सुधार नहीं हुआ. गौरतलब है कि जनपद आजमगढ़ में मेंहनगर तहसील क्षेत्र के गोला बाजार निवासी गोरखपुर में तैनात पीएसी के जवान लियाकत अली घर आए थे, अचानक दिल की बीमारी के चलते सांस लेने में दिक्कत हुई, गंभीर हालत में उन्हें जिला अस्पताल लाकर भर्ती कराया गया. परिजनों का आरोप है कि ऑक्सीजन के अभाव के चलते उनकी मौत हो गई.


नहीं मिली ऑक्सीजन, तड़पकर हुई मौत


मृतक के परिजनों ने बताया कि मरीज को पहले कोरोना जांच कराने के लिए आइसोलेशन में भेज दिया, उस दौरान ऑक्सीजन के अभाव के चलते मरीज परेशान रहा, जांच के एक घंटे बाद रिपोर्ट नेगेटिव आई तो फिर उन्हें आईसीयू में भेजा गया. वहां भी ऑक्सीजन नहीं थी. इस बीच ड्यूटी पर तैनात नर्स ने इन्हें तत्काल किसी प्राइवेट अस्पताल में ले जाने को कहा. परिजन आनन-फानन में प्राइवेट अस्पताल ले जा रहे तभी रास्ते में ही मरीज ने दम तोड़ दिया.


वहीं, जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि जिला अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी नहीं है, लेकिन फिर भी जांच की जा रही है, जो भी मामला जांच में आएगा उसके मुताबिक कार्रवाई की जाएगी.


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