Padma Awards 2024: देश के अलग-अलग क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले अनेक महान विभूतियों को पद्म सम्मान से नवाजा जाएगा. इसको लेकर भारत सरकार ने 26 जनवरी के ठीक पहले सूची जारी कर दी है. सूची में वाराणसी के भी दो नाम शामिल हैं, जिन्हें पद्मश्री सम्मान दिया जाएगा. ये सम्मान वाराणसी घराने से जुड़े शास्त्रीय संगीत के विश्व विख्यात गायक स्वर्गीय सुरेंद्र मोहन मिश्र को मरणोपरांत दिया जाएगा. इसके अलावा काष्ठ कलाकारी की विरासत को आगे बढ़ा रहे गोदावरी सिंह को भी पद्मश्री सम्मान से नवाजा जाएगा.  इसको लेकर स्वर्गीय सुरेंद्र मोहन मिश्रा और गोदावरी सिंह के परिवार के साथ-साथ काशी वालों ने भी खुशी जाहिर की है.


वाराणसी घराने से जुड़े शास्त्रीय संगीत के जाने-माने गायक स्वर्गीय सुरेंद्र मोहन मिश्रा को मरणोपरांत पद्मश्री सम्मान प्रदान किया जाएगा. गायक स्वर्गीय सुरेंद्र मोहन मिश्रा वाराणसी के रामापुरा क्षेत्र के रहने वाले हैं. एबीपी लाइव ने उनके आवास पर पहुंचकर उनके परिजनों से खास बातचीत की. बेटे पूर्णेन्द्र मिश्रा ने बातचीत में कहा- हमारे पूरे परिवार में 13 सदस्य हैं और हम सभी एक साथ रहते हैं. 


उन्होंने बताया कि पिताजी के पांच पुत्र हैं और बीते वर्ष नवंबर 2023 में उनका 82 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. उनके योगदान को कभी बुलाया नहीं जा सकता. पिताजी का राजन सजन मिश्रा, बिस्मिल्लाह खान छन्नूलाल मिश्र सहित अनेक दिग्गजों से संबंध रहा है. इनके सिखाए गए संगीत के छात्र  जाने-माने शिक्षण संस्थानों व बड़े मंच पर अपनी कलाकारी प्रस्तुत कर रहे है. 


गायन वादन को साधना की तरह जिया
पूर्णेन्द्र मिश्रा ने बताया कि लंबे दशक तक पिताजी का शास्त्रीय संगीत में योगदान रहा है. शास्त्रीय संगीत में उन्होंने गायन वादन को साधना की तरह पूर्ण करते हुए उसे जिया है. हम सभी के लिए गर्व का विषय है कि पिताजी को देश के इस बड़े सम्मान से नवाजा जा रहा है. इसके अलावा परिवार में मौजूद उनके दूसरे बेटे ज्ञानेंद्र मिश्रा ने भी एबीपी लाइव से बातचीत में कहा- पिताजी के मार्गदर्शन में ही हम सभी भाइयों ने संगीत के क्षेत्र में  शिक्षा व अध्ययन पुरी की है. 


दूसरे बेटे ने बताया कि इस विरासत को आगे बढाते हुए हमारे परिवार की अगली पीढ़ी का भी संगीत में काफी रुचि है. पिताजी को पद्मश्री सम्मान से नवाजा जाएगा यह सूचना प्राप्त होते ही परिवार में हर्ष का माहौल है, लेकिन आज अगर पिताजी जिंदा होते तो यह खुशी दुगनी होती. इसके अलावा वहां मौजूद स्वर्गीय सुरेंद्र मोहन मिश्रा की पोती BHU छात्रा विदुषी मिश्रा ने बातचीत के दौरान एक गीत "अपने राम का गीत गुनगुनाऊं" भी गाया.


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काष्ठ कलाकारी को मिलेगी अब नई ऊंचाई 
वाराणसी के खोजवा स्थित कश्मीरी गंज के रहने वाले गोदावरी सिंह को भी काष्ठ कलाकारी में बहुमूल्य योगदान के लिए पद्मश्री सम्मान दिया जाएगा. एबीपी लाइव ने गोदावरी सिंह और उनके बेटे नरेंद्र सिंह व बेटी निरुपमा सिंह से उनके आवास पर पहुंचकर खास बातचीत की. गोदावरी सिंह ने पद्मश्री सम्मान के लिए भारत सरकार का आभार जताया और कहा कि जिस क्षेत्र में किसी का ध्यान नहीं था उसे क्षेत्र को भी आगे बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी जी निरंतर प्रेरित कर रहे हैं. 


गोदावरी सिंह ने कहा कि सौभाग्य की बात है कि देश को ऐसा नेतृत्व मिला है. इसके अलावा उनके बेटे नरेंद्र सिंह ने भी पीएम मोदी का आभार जताया और कहा कि अब इस क्षेत्र को और नई ऊंचाई मिलेगी. बेटी निरुपमा ने गोदावरी सिंह के बारे में बताया कि तकरीबन 80 वर्ष तक का यह सफर पिताजी का बेहद सामान्य रहा हैं. उनके व्यक्तित्व में सबसे विशेष बात है कि वह सब की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं. इसके अलावा काष्ठ कलाकारी को आगे बढ़ाना ही उनके जीवन का लक्ष्य रहा है. पिताजी को पद्मश्री सम्मान दिए जाने के ऐलान के बाद हमारे पूरे परिवार में खुशी का माहौल है. इससे पहले काष्ठ  कलाकार गोदावरी सिंह की मुलाकात प्रधानमंत्री मोदी से हो चुकी है.