Sindhu Row: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सिंधु वापस लेने की टिप्पणी से पाकिस्तान को मिर्ची लग गई है. पाकिस्तान ने सोमवार (9 अक्टूबर) को सीएम की टिप्पणी पर घड़ियाली आंसू बहाते हुए कहा कि दक्षिणी सिंध प्रांत ‘सिंधु’ को वापस लेने पर उनकी बेहद गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी, गंभीर चिंता का विषय है. दो दिवसीय राष्ट्रीय सिंधी सम्मेलन को संबोधित करते हुए आदित्यनाथ ने रविवार (8 अक्टूबर) को कहा था, "अगर पांच सौ वर्षों के बाद राम जन्मभूमि वापस ली जा सकती है, तो कोई कारण नहीं कि हम सिंधु (सिंध प्रांत, जो अब पाकिस्तान में है) वापस न ले पाएं."
इस मुद्दे पर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए पाकिस्तान के विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने कहा कि नेता की भड़काऊ टिप्पणियां ‘अखंड भारत’ (अविभाजित भारत) के निरर्थक दावे से प्रेरित हैं और इतिहास के विकृत दृष्टिकोण को दर्शाती हैं.
पाकिस्तान ने क्या कहा?
उन्होंने कहा, "हम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा की गई बेहद गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी की निंदा करते हैं." बलूच ने कहा कि यह गंभीर चिंता का विषय है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) अपने विभाजनकारी और संकीर्ण राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए इस तरह के विचारों को तेजी से बढ़ावा दे रहे हैं.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने क्या कहा था?
बता दें कि, सीएम योगी ने एक सम्मेलन में सिंधु को वापस लेने की बात कही थी. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने रविवार को कहा था कि अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बन रहा है और अगले साल जनवरी में रामलला फिर से अपने मंदिर में विराजमान होंगे.
सीएम ने कहा था कि सिंधी समाज को अपनी वर्तमान पीढ़ी को अपने इतिहास के बारे में बताने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि विभाजन के बाद सिंधी समुदाय को सबसे अधिक नुकसान उठाना पड़ा. सिर्फ एक व्यक्ति की 'जिद' के कारण देश का विभाजन हुआ. आज भी हमें इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है.
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