लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना संक्रमण को लेकर जिस सक्रियता से राज्य में अपनी नीतियों को लागू किया है, उसकी चर्चा पड़ोसी देश में हो रही है। पाकिस्तान में ऐसा होना किसी आश्चर्य से कम नहीं है. भारत के कट्टर विरोधी देश पाकिस्तान के प्रमुख अखबार 'द डॉन' के संपादक फहद हुसैन ने यूपी के सीएम की तारीफ की है. उन्होंने कहा कि यूपी में कोरोना से लड़ने के लिये जिस तरह के इंतजाम किये गये, वैसे पाकिस्तान में नहीं किये गये. फहद हुसैन ने ट्वीट करते हुये ये बातें कहीं. इस ट्वीट की चर्चा चारों ओर ह रही है. सबसे खास बात ये भी रही कि सीएम योगी कट्टरवादी हिंदू छवि के नेता माने जाते हैं.


योगी आदित्यनाथ के दफ्तर ने भी दी प्रतिक्रिया


वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ की दफ्तर इस पर प्रतिक्रिया भी दी गई. इस ट्वीट के जरिये लिखा गया कि यूपी और पाकिस्तान की जनसंख्या लगभग समान है. लेकिन यहां कोरोना नियंत्रित है और वहां बेकाबू है. इसके अलावा लिखा गया कि नेतृत्व की इच्छा शक्ति का महत्व पाकिस्तान नागरिक भी अनुभव कर रहे हैं.


फहद हुसैन ने अपने ट्वीट में ये लिखा..


यह बात सभी जानते हैं कि उत्तर प्रदेश की आबादी इतनी अधिक है, जितनी दुनिया के कुछ ही देशों की है. पाकिस्तान के प्रमुख अखबार डॉन के स्थानीय संपादक फहद हुसैन ने कोरोना संक्रमण के असर को लेकर यूपी की तुलना अपने देश पाकिस्तान से की है. उन्होंने एक ग्राफ साझा करते हुए लिखा है कि इसे गौर से देखें. पाकिस्तान और भारत के राज्य उत्तर प्रदेश की मृत्यु दर की तुलना करें, जबकि जनसंख्या और साक्षरता दर लगभग समान है.







यही नहीं पाक पत्रकार ने लिखा कि यूपी में लॉकडाउन का सख्ती से पालन किया गया. हुसैन ने लिखा कि पाकिस्तान का प्रति किलोमीटर जनसंख्या घनत्व यूपी से कम और जीडीपी प्रति कैपिटा अधिक है. उन्होंने लिखा है कि यूपी ने लॉकडाउन का कड़ाई से पालन कराया, जबकि हम नहीं कर सके. लिहाजा, मृत्यु दर में अंतर सामने है.


साथ ही लिखा है कि यूपी में मृत्यु दर जहां पाकिस्तान से कम है, वहीं महाराष्ट्र में ज्यादा, जबकि वहां युवा आबादी और जीडीपी प्रति कैपिटा अधिक है. हमें यह जानना चाहिए कि उत्तर प्रदेश ने क्या सही फैसले किए और महाराष्ट्र ने क्या गलतियां कीं.