Rajya Sabha Election: बैठक और डिनर पार्टी से क्यों दूर रहीं पल्लवी पटेल? सपा नेता का चौंकाने वाला दावा
Rajya Sabha Election 2024: सोमवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा रखे गए डिनर में आठ विधायक शामिल नहीं हुए हैं. जिसके बाद कई तरह के क़यास लग रहे हैं.
Rajya Sabha Election 2024: राज्यसभा चुनाव से एक दिन पहले सोमवार रात को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा बुलाई गई पार्टी विधायकों की बैठक में आठ विधायक शामिल नहीं हुए. इनमें एक नाम अपना दल कमेरावादी की पल्लवी पटेल का भी शामिल हैं. जिसके बाद इन विधायकों की गैर मौजूदगी को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं.
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि सपा अध्यक्ष ने राज्यसभा चुनाव में मतदान तथा अन्य प्रक्रियाओं के बारे में बताने के लिए पार्टी विधायकों की एक बैठक बुलाई थी लेकिन, उसमें विधानसभा में सपा के मुख्य सचेतक मनोज पाण्डेय (ऊंचाहार), मुकेश वर्मा (शिकोहाबाद), महाराजी देवी (अमेठी), पूजा पाल (कौशांबी), राकेश पाण्डेय (अंबेडकर नगर), विनोद चतुर्वेदी (कालपी), राकेश प्रताप सिंह (गौरीगंज), अभय सिंह (गोसाईंगंज) शामिल नहीं हुए.
सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में स्वीकार किया कि सपा अध्यक्ष द्वारा बुलाई गई बैठक और रात्रि भोज में पार्टी के आठ विधायक शामिल नहीं हुए. हालांकि, उन्होंने उनके नाम नहीं बताए.
पल्लवी पटेल भी नहीं हुई शामिल
इस सवाल पर कि क्या बैठक में सपा के टिकट पर विधायक बनी अपना दल (कमेरावादी) पार्टी की नेता पल्लवी पटेल भी शामिल नहीं हुई, चौधरी ने बताया कि वह बैठक में भले शामिल नहीं हुई लेकिन उन्होंने अलग से सपा अध्यक्ष से मुलाकात कर ली थी. साथ ही राज्यसभा चुनाव में सपा उम्मीदवारों का समर्थन करने का आश्वासन भी दिया. लेकिन, पार्टी अध्यक्ष द्वारा बुलाई गई बैठक में सपा के आठ विधायकों के नहीं पहुंचने को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगायी जा रही हैं.
राज्यसभा के लिए उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर आज चुनाव होना है लेकिन, कुल 11 उम्मीदवार मैदान में हैं. राज्य विधानसभा में अपने संख्या बल के आधार पर भाजपा सात जबकि समाजवादी पार्टी तीन उम्मीदवारों को चुनाव जिताने में सक्षम है. लेकिन, भाजपा द्वारा उद्योगपति संजय सेठ को अपना आठवां उम्मीदवार बनाए जाने के बाद यह मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है. अगर भाजपा के आठवें उम्मीदवार के पक्ष में ‘क्रॉस वोटिंग’ हुई तो सपा को अपना तीसरा प्रत्याशी जिताने में मुश्किल हो सकती है.
सपा का बिगड़ सकता है समीकरण
एक उम्मीदवार को राज्यसभा पहुंचने के लिए 37 प्रथम वरीयता वाले मतों की जरूरत है. समाजवादी पार्टी के पास 108 विधायक हैं जबकि उसके गठबंधन की सहयोगी कांग्रेस के पास दो सीटें हैं. अगर सपा पार्टी के सभी विधायकों को अपने साथ रखने में कामयाब नहीं हुई तो उसके तीसरे प्रत्याशी को जीत हासिल करने में मुश्किल पैदा हो सकती है.
हालांकि, सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी का कहना है कि जो विधायक आज बैठक में शामिल नहीं हुए हैं उनका वास्तविक रुख मंगलवार को राज्यसभा चुनाव में मतदान के दौरान ही पता चलेगा. फिलहाल वह इस बात के लिए आश्वस्त हैं कि पार्टी अपने सभी तीनों उम्मीदवारों को जिता लेगी. सपा ने अभिनेत्री जया बच्चन, पूर्व आईएएस अधिकारी आलोक रंजन और पूर्व सांसद रामजीलाल सुमन को राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया है.
राज्यसभा की 10 सीटों के लिए मंगलवार को मतदान होगा और उसी दिन नतीजे भी घोषित कर दिये जायेंगे। प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में क्रमशः 252 विधायकों और 108 विधायकों के साथ भाजपा और सपा दो सबसे बड़े दल हैं. सपा की गठबंधन की सहयोगी कांग्रेस के पास दो सीटें हैं. भाजपा के सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के पास 13 सीटें, निषाद पार्टी के पास छह सीटें, राष्ट्रीय लोक दल के पास नौ सीटें, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के पास छह, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के पास दो और बसपा के पास एक सीट है. फिलहाल चार सीटें खाली हैं.