Pallavi Patel News: यूपी में दस सीटों के लिए हुए राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वालों को अपना दल कमेरावादी की नेता और सपा विधायक पल्लवी पटेल ने जमकर खरी-खोटी सुनाई है. उन्होंने पार्टी के खिलाफ जाकर वोट करने वाले विधायकों की तुलना विभीषण कर दी और कहा कि ये लोग भगवान राम का नाम लेकर अपने द्वारा दिए गए धोखे को छुपा रहे हैं. 


सपा विधायक पल्लवी पटेल ने पार्टी लाइन से अलग जाकर बीजेपी के पक्ष में जाने सपा विधायकों पर अपनी भड़ास निकाली और कहा, 'जो लोग अपनी राजनीतिक जननी (दल) से द्रोह को राम के नाम से छिपा रहें हैं, वो याद रखें की आज तक किसी रामभक्त, किसी हिंदू ने अपने बच्चे का नाम “विभीषण” नहीं रखा…. स्वजन द्रोह से तो “राम “ भी मुक्ति नहीं देते…!'


पल्लवी पटेल ने सपा के पक्ष में ही दिया वोट
दरअसल पल्लवी पटेल भी जया बच्चन और आलोक रंजन को राज्यसभा उम्मीदवार बनाए जाने के खिलाफ थी. जिसके बाद उन्होंने खुलकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के फैसले से नाराजगी भी जाहिर की लेकिन बावजूद इसके उन्होंने सपा के पक्ष ही रामजीलाल सुमन को वोट दिया. जबकि वोटिंग से पहले उनकी अखिलेश यादव से फोन पर तीखी बहस तक हुई थी. वोट देने के बाद जब वो वापस आईं तो उन्होंने कहा कि वो पीडीए के साथ हैं और पीडीए ही उनका वजूद हैं. उनके खून में धोखा नहीं हैं. 


क्रॉस वोटिंग के चलते बदला सपा का गेम
मंगलवार को राज्यसभा के लिए हुई वोटिंग में सपा के सात विधायकों के क्रॉस वोटिंग की जिसकी वजह से सपा के तीसरे उम्मीदवार आलोक रंजन इस चुनाव को हार गए. इन विधायकों ने बीजेपी के पक्ष में वोट डाला, जिसकी वजह से नंबर नहीं होने पर भी बीजेपी के आठवें प्रत्याशी संजय सेठ की जीत हुई. बागी विधायकों ने आरोप लगाया कि वो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के राम मंदिर नहीं जाने के फैसले से नाराज थे और स्वामी प्रसाद मौर्य के सनातन विरोधी टिप्पणियों पर भी सपा अध्यक्ष की चुप्पी को भी एक वजह बताया. 


बागी विधायकों में सपा के चीफ व्हिप रहे मनोज पांडेय, राकेश पांडेय, अभय सिंह, राकेश प्रताप सिंह, विनोद चतुर्वेदी, पूजा पाल और आशुतोष मौर्य ने बीजेपी के पक्ष में वोट किया वहीं पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की पत्नी मतदान करने ही नहीं पहुंची, जिसेस पूरा नंबर गेम बदल गया.


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