UP Politics: जयंत चौधरी और अखिलेश यादव के गठबंधन वाले बयान पर क्यों चुप हैं पल्लवी पटेल? जानिए वजह
Lok Sabha Elections: अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) के बयानों के बाद पल्लवी पटेल (Pallavi Patel) की गठबंधन को लेकर खामोशी चर्चा का विषय बनी हुई है.
UP News: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) गठबंधन में बीते दिनों अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) के बयानों की काफी चर्चा हुई. दोनों नेताओं ने लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) से पहले कांग्रेस (Congress) से गठबंधन को लेकर अलग-अलग बयान दिए. हालांकि इस बीच सपा विधायक पल्लवी पटेल (Pallavi Patel) की गठबंधन के सवालों पर खामोशी ने चर्चाओं को और हवा दे दी है.
दरअसल, अखिलेश यादव ने बीते दिनों कहा था, "अब सपा यूपी में लोकसभा चुनाव से पहले किसी और दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी. समाजवादी पार्टी और गठबंधन मिलकर 80 की 80 सीटे लड़ेगा." जिसके बाद स्पष्ट हो गया कि अब सपा और कांग्रेस के बीच कोई गठबंधन नहीं होगा. लेकिन इसी बीच आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी के बयान ने गठबंधन पर चल रही चर्चाओं को हवा दे दी.
कांग्रेस से गठबंधन करने से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए आरएलडी प्रमुख ने कहा था, "यूपी में बीजेपी के खिलाफ गठबंधन में हमारी कोशिश रहेगी कि कुछ और दल साथ जुड़ें. देश भर में विपक्षी एकता होनी चाहिए. यूपी में बीजेपी को हराने के लिए ब्लू प्रिंट भी है और जमीन पर भी हमारी रणनीति है. अभी सीट को लेकर कोई बात नहीं हुई है."
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इस वजह से चर्चा हुई थी तेज
जिसके बाद चर्चा शुरु हुई कि क्या सपा गठबंधन में जयंत चौधरी और अखिलेश यादव के बयान अलग अलग संदेश दे रहे हैं. जबकि इससे कुछ दिन पहले ही जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने सपा गठबंधन के साथ रहने का संदेश दिया है. हालांकि इन सबके बीच पल्लवी पटेल की खामोश भी चर्चा का विषय है. दरअसल, पल्लवी पटेल अभी सपा के टिकट पर विधायक हैं और उनकी पार्टी अपना दल कमेरावादी सपा गठबंधन में है.
जबकि उनके बाद राज्य में बीजेपी और बीएसपी के साथ गठबंधन करने के दरवाजे लगभग बंद हैं. बीएसपी ने पहले ही अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने का एलान किया था. जबकि बीजेपी से अनुप्रिया पटेल की पार्टी का पहले ही गठबंधन है. जबकि अनुप्रिया पटेल और पल्लवी पटेल के बीच मतभेद किसी से छिपा नहीं है. ऐसे में बीजेपी गठबंधन में पल्लवी पटेल के जाने की कोई संभावना नहीं है. इस वजह से पल्लवी पटेल का सपा गठबंधन में रहना भी तय है और खामोशी भी कोई बड़ी बात नहीं है.