UP News: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को आज दोहरा झटका लगा है. एक तरफ स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा के महासचिव पद से इस्तीफा दिया है तो वहीं पल्लवी पटेल ने राज्यसभा के चुनाव में सपा के प्रत्याशी को वोट न देने का निर्णय लिया है. अपना दल (कमेरवादी) की नेता और समाजवादी पार्टी के समर्थन से सिराथू से विधायक बनी पल्लवी पटेल (Pallavi Patel) इस महीने होने वाले राज्यसभा के चुनाव में समाजवादी पार्टी द्वारा खड़े किए गए तीन प्रत्याशियों को वोट नहीं देगी. पल्लवी पटेल अखिलेश यादव द्वारा खड़े किए गए प्रत्याशियों से नाखुश बताई जा रही हैं.
अपना दल (कमेरावादी) के सूत्रों के मुताबिक पल्लवी पटेल ने स्पष्ट किया है कि जिस तरीके से जया बच्चन और आलोक रंजन को समाजवादी पार्टी ने राज्यसभा का प्रत्याशी बनाया है इससे सपा और अखिलेश यादव ने पीडीए की रणनीति के विपरीत काम किया है. पल्लवी पटेल समाजवादी पार्टी के साथ 2022 के चुनाव के पहले से हैं और 2022 के चुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में उन्होंने कौशांबी की सिराथू विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था. इस दौरान उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को बड़े मार्जिन से हराया था.
क्या बीजेपी के उम्मीदवार को वोट देंगी पल्लवी पटेल
पल्लवी पटेल सोनेलाल पटेल की बेटी हैं और सोनेलाल पटेल की मूल पार्टी अपना दल (एस) उनकी छोटी बहन अनुप्रिया पटेल के कब्जे में है. अनुप्रिया पटेल और उनके पति आशीष पटेल भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से क्रमश: केंद्र और प्रदेश में मंत्री हैं. दोनों बहनों के बीच में राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई भी लंबे समय से चल रही है और अलग अलग समय पर सोनेलाल पटेल की जयंती मनाने को लेकर प्रतिद्वंदता भी देखने को मिली. इन सबके बीच बड़ा सवाल यह है कि अगर पल्लवी पटेल समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों को वोट नहीं देंगी तो क्या वह भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में वोट देंगी. अगर वह भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में वोट देती हैं तो क्या बीजेपी दोनों बहनों की पार्टियों के साथ सामंजस्य बना पाएगी?