Uttarakhand Devasthanam Board Row: उत्तराखंड में देवस्थानम बोर्ड के विरोध में केदारनाथ (Kedarnath) धाम के तीर्थ पुरोहितों का आंदोलन जारी है. उधर, देवस्थानम बोर्ड के विरोध में आंदोलन कर रहे तीर्थ पुरोहितों को केदारनाथ धाम के संत समाज ने भी अपना समर्थन दिया है. संत समाज का कहना है कि सरकार को तीर्थ पुरोहितों की मांग को मान लेना चाहिये और बोर्ड को शीघ्र भंग कर देना चाहिये. संत समाज के अलावा आंदोलन को समर्थन देने के लिये अब पंडा समाज की महिलाएं भी केदारनाथ पहुंचने लग गई हैं. पंडा समाज की महिलाएं केदारनाथ धाम पहुंचकर देवस्थानम बोर्ड को भंग करने के लिये धरना दे रही हैं. पंडा समाज की महिलाओं ने कहा कि सरकार को शीघ्र ही इस बोर्ड को भंग करना चाहिये. यदि यह बोर्ड भंग नहीं होता है तो सभी महिलाएं केदारनाथ में जुट जाएंगी और सरकार के खिलाफ आंदोलन को तेज करेंगी.


17 अगस्त से जारी है क्रमिक अनशन
बता दें कि केदारनाथ धाम में तीर्थ पुरोहितों की ओर से 17 अगस्त से देवस्थानम बोर्ड के विरोध में क्रमिक अनशन किया जा रहा है. गुरुवार को तीर्थ पुरोहितों ने मंदिर परिसर में सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए रैली निकाली और फिर मंदिर के आगे धरना दिया. आंदोलन को समर्थन देने वाले संत समाज ने कहा कि सरकार को तीर्थ पुरोहितों की जायज मांग को मान लेना चाहिये. 


दूसरी ओर जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुमंत तिवारी ने केदारनाथ पहुंचकर देवस्थानम बोर्ड के विरोध में चलाये जा रहे आंदोलन को समर्थन दिया है. तिवारी ने कहा कि सरकार उत्तराखंड के मठ-मंदिरों पर भी अपना कब्जा करना चाहती है. देवस्थानम बोर्ड के विरोध में लंबे समय से तीर्थ पुरोहित आंदोलन चला रहे हैं, लेकिन सरकार पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. बोर्ड का गठन होने से तीर्थ पुरोहितों और स्थानीय लोगों के हक-हकूक प्रभावित हुये हैं. बोर्ड के खिलाफ सभी लोग अंतिम सांस तक लड़ाई लड़ने के लिये तैयार. सरकार की मनमानी बिल्कुल भी नहीं चलने दी जायेगी.



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