Paramhans Achayrya Hindu Nation Demand: तपस्वी छावनी के महंत परमहंस आचार्य (Paramhans Achayrya) ने एक बार फिर भारत (India) को हिंदू राष्ट्र (Hindu Nation) घोषित किए जाने की मांग को लेकर बड़ा बयान दिया है. इस बार उन्होंने तपस्वी छावनी पीठ के महंत पद से इस्तीफा दे दिया है. उनका कहना है कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाए जाने के लिए अभी से ही काम करना होगा, ऐसे में तपस्वी छावनी (Tapasvi Peeth) के समस्त पदों से इस्तीफा दे रहा हूं. 2023 नवंबर में दिल्ली (Delhi) के रामलीला मैदान (Ramlila Maidan) में परमहंस आचार्य ने भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किए जाने के लिए करोड़ों अनुयायियों के साथ अनशन की चेतावनी दी है. बीते दिनों भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किए जाने की मांग को लेकर परमहंस आचार्य अपनी खुद की चिता सजाई थी लेकिन प्रशासनिक दबाव के बाद उन्हें हाउस अरेस्ट किया गया था.


भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग
एक बार फिर जगत परमहंस आचार्य ने गांधी जयंती के दिन जल समाधि लेने की बात कही थी जिसके बाद भारी पुलिस बल की मौजूदगी में संत परमहंस को फिर से हाउस अरेस्ट किया गया था. अपनी जल समाधि की जिद पर अड़े परमहंस दास ने अब एक नया बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि अब 7 नवंबर 2023 में दिल्ली के रामलीला मैदान पर अपने अनुयायियों के साथ भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किए जाने की मांग को लेकर आंदोलन करेंगे. ऐसे में तपस्वी छावनी के कार्यभार से वो अपने आप को मुक्त करते हुए अलग हो गए हैं. उनका कहना है कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग को लेकर उन्हें बड़े स्तर पर आंदोलन करना है ऐसे में वो तपस्वी पीठ का समस्त भार का निर्वहन नहीं कर सकते हैं. 


दायित्वों से मुक्त हो गया हूं
संत परमहंस आचार्य  ने कहा कि हमने ये घोषणा की थी कि 7 नवंबर 2023 में दिल्ली के रामलीला मैदान में अपने करोड़ों अनुयायियों के साथ भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने के लिए आमरण अनशन करूंगा. उसकी तैयारी में राष्ट्रव्यापी अभियान चलाना है. उन्होंने कहा कि जब आप जगतगुरु की पदवी हासिल करते हैं तो पूरे देश के लिए आप समर्पित हो जाते हैं. मठ केवल महंत के अधिकार के अधीन होता है. तपस्वी छावनी में हजारों करोड़ों रुपए की जमीनें हैं. अपनी संपूर्ण संपत्ति समेत महंत पद से इस्तीफा दे दिया है. मैं अपने दायित्वों से मुक्त हो गया हूं. 


अपनी खुशी से लिया निर्णय
परमहंस आचार्य ने कहा कि तपस्वी छावनी की संपत्तियों पर अब मेरा कोई भी अधिकार नहीं है, इस निर्णय के लिए मुझे कोई दबाव नहीं दिया गया. मैंने अपनी खुशी से ये निर्णय को लिया है. परमहंस आचार्य महंगी गाड़ियों में घूमने वाले और  एसी कमरों में रहने वाले महंतों पर हमला करते हुए कहा कि इस समय संतों में विकृति आ गई है लोग पैर दबा कर संत बनते हैं और गला दबाकर महंत बन जाते हैं. संपन्न और वर्चस्व संतों ने दूसरे के मंदिरों को हड़प लिया है. गुरु और शिष्य में गोलियां चलती हैं, ये संत की मर्यादा नहीं है. मैंने संत समाज को आईना दिखाने का काम किया है. 


हिंदू राष्ट्र की मुहिम को तेजी के साथ आगे बढ़ाएंगे
परमहंस आचार्य ने कहा कि आज संत समाज भटक गया है, संपत्ति के लिए लड़ाई कर रहा है. संतों को लोगों को जागरूक करने की जरूरत है, जनता का मार्गदर्शन करने की जरूरत है. परमहंस ने कहा कि यदि धर्माचार्य एसी कमरों में सोता रहेगा और महंगी गाड़ियों में घूमता रहेगा, भोग विलास में लग जाएगा तो उसकी मर्यादा विकृत होगी. हम अब सभी पदों से मुक्त होने के बाद हिंदू राष्ट्र की मुहिम को तेजी के साथ आगे बढ़ाएंगे.



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