Paschim Pradesh की मांग पर क्या है सपा का रुख? अखिलेश यादव की पार्टी के नेता ने किया बड़ा दावा
पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने की मांग का समर्थन करते हुए केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान ने अंतर्राष्ट्रीय जाट संसद को संबोधित किया. अब इस पर सपा ने प्रतिक्रिया दी है.
Paschim UP Demand: भारतीय जनता पार्टी के नेता और केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने पश्चिम प्रदेश की मांग का समर्थन किया है. अब उनके बयान पर समाजवादी पार्टी के नेता सुनील सिंह साजन ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि संजीव बालियान भाजपा के मूल मंत्र पर चलते हैं और भाजपा का मूल मंत्र है नफरत फैलाना और आपस में भेदभाव करना. जब भाजपा अपने सभी कार्यों में विफल हो जाती है तो वह अपने मूल मंत्र नफरत फैलाना और बंटवारा पर आ जाते हैं.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने की मांग का समर्थन करते हुए केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान ने अंतर्राष्ट्रीय जाट संसद को संबोधित करते हुए कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश एक अलग राज्य बनना चाहिए और मेरठ इस नए प्रदेश की राजधानी बने. उन्होंने आगे कहा कि यहां की आबादी आठ करोड़ है और उच्च न्यायालय यहां से 750 किलोमीटर दूर हैं, ऐसे में यह मांग पूरी तरह जायज है.
सबके बिना तो कोई गांव में प्रधान भी नहीं बन सकता - बालियान
बालियान ने जाटों को राष्ट्रवादी कौम बताते हुए कहा, कि इसका कोई तोड़ नहीं है, लेकिन टांग खींचने की प्रवृत्ति के कारण राजनीतिक रूप से जाट कमजोर पड़ गया है. इसे दूर करना होगा. राजनीति में सभी को एक साथ लेकर चलने की जरूरत है, सबके बिना तो कोई गांव में प्रधान भी नहीं बन सकता.”
बालियान ने आगे कहा, ”ये कहना गलत है कि अदालत में सरकार की लाचार पैरवी से आरक्षण खत्म हुआ. सरकार ने पूरी मजबूती से पक्ष रखा. आगे जो भी आरक्षण की बात करेगा, मैं उसके पीछे रहूंगा.”
दीगर है कि यूपी को चार हिस्सों- पूर्वांचल, पश्चिमांचल, बुंदेलखंड और अवध प्रदेश में बांटने की मांग कोई नई नहीं है. साल 2011 में बहुजन समाज पार्टी की सरकार में मुख्यमंत्री मायावती ने इस बाबत विधासनभा में प्रस्ताव पेश किया था, जिसे ध्वनिमत के साथ पारित किया गया था. हालांकि बसपा के इस प्रस्ताव का कोई खास असर नहीं पड़ा क्योंकि राज्यों के बंटवारे में मुख्य भूमिका संसद और केंद्र सरकार की होती है.