झांसी,एबीपी गंगा। आपको फिल्म बड़े मियां छोटे मियां याद होगी जिसमें अमिताभ बच्चन हवन करके पूरे कंपार्टमेंट को बेहोश कर देते हैं, और पूरी ट्रेन का जूता-मोजा, रुपये, अटैची सारी चीजें ट्रक में भरकर ले जाते हैं। कुछ इस तरह का मामला झांसी में सामने आया है। मध्य प्रदेश के मुरैना से ललितपुर जा रहे सहारिया जाति के लोगों को चलती ट्रेन में जहरखुरानी गिरोह ने अपना शिकार बना लिया। जहरीले लड्डू खाने से एक दर्जन लोग बेहोश हो गए। समय रहते सभी को झांसी स्टेशन पर उतार कर मेडिकल कॉलेज लाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद सभी की हालत खतरे से बाहर है।


पूर्व मंत्री का आरोप मानव तस्करी से जुड़ा है मामला


खबर मिलने पर पहुंचे पूर्व केन्द्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने आरोप लगाया कि इन लोगों के पास धन दौलत तो है नहीं, फिर भी इन्हें जहरखुरानी का शिकार बनाने का मामला मानव अंग तस्करी से जुड़ा लग रहा है। जिसकी गंभीरता से जांच की जानी चाहिए। गौरतलब है कि एक बच्ची बिल्कुल निर्वस्त्र थी।


झांसी के मेडिकल कॉलेज में भर्ती सहारिया जाति के ये लोग रविवार की रात पैसेंजर ट्रेन से गंभीर हालत में उतारे गए थे। जिसमें मुस्कान, पूरन, कल्याण, खुश्बू, प्रवेश, राखी, देवा, पुख्खन समेत एक दर्जन से ज्यादा लोग चलती ट्रेन में बेहोश हो गए थे। पीड़ित कल्याण ने बताया कि हम सभी लोग मुरैना से मजदूरी कर अपने घर ललितपुर लौट रहे थे। इस दौरान एक व्यक्ति से मुलाकात हुई। जिसने बातों में फंसाकर जहरीले लडडू सभी लोगों को बांट दिए। लडडू खाने के बाद सभी लोग बेहोश होने लगे। रात का वक्त था सो पहले तो जहरखुरान की हरकत का एहसास नहीं हुआ। जब सभी लोगों को उल्टियां शुरू हो गयी तब ग्वालियर के पास सभी लोग एक जगह इकट्ठा हो गए। इसके बाद झांसी जीआरपी को सूचना देकर सभी को उतारा गया और मेडिकल कॉलेज लाया गया।


इन सारी बातों की जानकारी मिलने पर मेडिकल कॉलेज पहुंचे पूर्व केन्द्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने बताया कि ये मामला मानव अंग तस्करी से जुड़ा हुआ लगता है। प्रदेश में योगी और देश में मोदी की सरकार देवताओं का जातिप्रमाण पत्र जारी करने में लगी हुई है। जबकि इस तरह के गिरोह पर कोई ध्यान नहीं है। जिसकी वजह से इतने लोग जहरखुरानी का शिकार हो गए। गनीमत रही कि वक्त रहते दो लोगों का होश रहा और उन्होंने इसकी जानकारी जीआरपी को दी। अन्यथा मानव अंग तस्करी और बच्चियों को हैवानियत का शिकार बनाया जा सकता था।  प्रदीप जैन ने मेडिकल में ही सभी मजदूरों को अपनी तरफ से भोजन कराया।


इस मामले के सामने आने के बाद से सभी लोग सकते में आ गए है। हालांकि पूर्व मंत्री प्रदीप जैन ने अपने साथी विवेक बाजपेयी, अखिलेश गुरुदेव, रवि दुबे, विनोद जैन, इम्तियाज हुसैन, शिरोमणि जैन, विनय उपाध्याय आदि ने पहले तो पीड़ितों को खाना खिलाया और बाद में अपने निजी वाहनों और एम्ब्यूलेंस के माध्यम से उन्हें अपने घर भेज दिया है।