लखनऊ,एबीपी गंगा। मरीज के साथ निजी अस्पतालों की लापरवाही लापरवाही के मामले लागातार सामने आ रहे हैं। ऐसा ही मामला ठाकुरगंज इलाके में सामने आया है। यहां स्थित निजी अस्पताल में पथरी के ऑपरेशन के बाद मरीज की हालत बिगड़ गई। कोमा में पहुंचने पर उसे वेंटिलेटर के लिए दूसरे अस्पताल भेज दिया गया। लाखों रुपये खर्च किये जाने के बाद भी मरीज की मौत हो गई। परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाकर पुलिस से शिकायत की है।
बालागंज के पुराना तोपखाना निवासी 50 वर्षीय रमेश चंद्र को 30 मार्च की रात में अचानक पेट में दर्द हुआ। इसके बाद परिजनों ने ठाकुरगंज के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। यहां डॉक्टरों ने अल्ट्रासाउंड कराया। इसमें गॉल ब्लैडर में पथरी बताई गई। साथ ही दूरबीन विधि से सर्जरी कर बीमारी से राहत दिलाने का दावा किया। 31 मार्च को डॉक्टर मरीज की सर्जरी के लिए ओटी ले गए। बेटे रवि के मुताबिक करीब दो घंटे बाद डॉक्टर ओटी से बाहर आए। उन्होंने दूरबीन विधि से ऑपरेशन संभव न होने का हवाला दिया। साथ ही ओपन सर्जरी करने की बात कही।
मरीज को दो दिन तक नहीं आया होश
रवि के मुताबिक, रमेश चंद्र को दो दिन होश नहीं आया। उन्हें कोमा में बताकर वेंटिलेटर पर शिफ्ट करने को कहा। इसके बाद उन्हें दूसरे निजी अस्पताल के आइसीयू में भेज दिया गया। यहां से फिर निजी मेडिकल कॉलेज में भेजा गया। इस दौरान वेंटिलेटर के नाम पर लाखों रुपये वसूले गए। वहीं बुधवार रात मरीज की मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाकर ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर व अस्पताल संचालक की शिकायत पुलिस से की। सीएमओ ने अभी शिकायत मिलने से इंकार किया।