गोरखपुर. चिकित्‍सक को भगवान का दर्जा दिया जाता है. लेकिन, मानव सेवा के लिए जीवन समर्पित करने वाले चिकित्‍सकों के साथ तीमारदार हाथापाई और अभद्रता करने लगें, तो फिर चिकित्‍सक अपना काम कैसे करें, ये बड़ा सवाल है. ऐसा ही वाकया हुआ है मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के शहर गोरखपुर में. जहां महिला जिला चिकित्‍सालय में तैनात महिला चिकित्‍सक से तीमारदारों ने हाथापाई और अभद्रता कर दी. जब इसका स्‍टाफकर्मी वीडियो बनाने लगे, तो मोबाइल छीनने की भी कोशिश की गई. महिला चिकित्‍सक की तहरीर पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है.


डॉक्टर ने खुद ही बनाया वीडियो


गोरखपुर के कोतवाली थानाक्षेत्र में स्थित जिला महिला चिकित्सालय में प्रसूता के परिजनों ने महिला डॉक्टर से मारपीट और अभद्रता की. अस्पताल के स्टाफ और नर्सों ने बीच बचाव करके मामलो को शांत करवाया. इस घटना का वीडियो डॉ सुषमा गुप्ता ने अपने मोबाइल से खुद बनाया. वीडियो में साफ दिख रहा है कि परिजन किस तरह से डॉक्टर से बदसलूकी कर रहे हैं. कुछ घंटे बाद ही प्रसूता ने ऑपरेशन से एक बच्ची को सकुशल जन्म दिया. डिलीवरी के बाद परिजन डॉक्टर से मिलने आए और माफी मांगने लगे. लेकिन डॉक्टर सुषमा वर्मा ने इस मामले में किसी भी तरह से समझौता करने से मना कर दिया.



जिला महिला अस्पताल में डॉक्टर सुषमा वर्मा गायनोकोलॉजिस्ट (स्त्री रोग विशेषज्ञ) पद पर कार्यरत हैं. 18 अगस्‍त को उनकी ड्यूटी दोपहर दो बजे से रात 8 बजे की है. ड्यूटी पर आने के बाद जब वह ओपीडी में मरीजों को देखने गईं, उसके बाद लेबर रूम में चली गईं. जहां पहले से ही मौजूद एक मरीज थी. डॉ सुषमा वर्मा ने बताया कि मरीज के परिजनों ने जब मरीज को देखने को कहा तो उन्‍होंने रिपोर्ट देखने के बाद उनसे प्लेटलेट जांच करने को कहा आप जांच करवा लीजिए, वे ऑपरेशन कर देंगी.


पुलिस में की शिकायत


इसी बात को लेकर मरीज के परिजन हाथापाई पर उतारू हो गए. अस्पताल के स्टाफ नर्सों ने बीच-बचाव करके उन लोगों को बाहर किया. इस मामले में उन्‍होंने कोतवाली फोन किया. पुलिस आई तो उन्‍होंने तहरीर दी. चिकित्‍सक ने बताया कि वे चाहती हैं कि दोषियों के ऊपर सख्त से सख्त कार्रवाई हो. महिला अस्पताल में डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों के साथ आए दिन मारपीट की घटनाएं होती रहती हैं. इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए दोषियों पर कार्रवाई जरूरी है.


को‍तवाली सर्किल के सीओ बीपी सिंह ने बताया कि गर्भवती महिला को कुछ परेशानी थी, जो दूर नहीं हो पा रही थी. उन्‍होंने बताया कि इस मामले में महिला चिकित्‍सालय की चिकित्‍सक द्वारा तहरीर पर परिजनों के खिलाफ वाद-विवाद का मामल दर्ज किया गया है.


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