एटा, एबीपी गंगा। यूपी में अस्पताल खस्ताहाल हैं। जिला महिला अस्पताल का हाल बुरा है। यहां जिन गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी हो रही है उनके लिए जच्चा और बच्चा को एक अदद बेड भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। एक बेड पर दो दो महिलाएं और उनके दो दो नवजात शिशुओं को रखा जा रहा हैं। इस तरह से एक बेड पर चार चार लोग भर्ती हैं। मामला उस समय प्रकाश में आया जब एटा के अपर जिला अधिकारी ने बुधवार को अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने इस लापरवाही पर अस्पताल प्रशासन को व्यवस्थाएं सुधारने के कड़े निर्देश दिए।


उपलब्ध नहीं है बेड


एटा जिला चिकित्सालय में अव्यवस्थाओं के चलते गर्भवती महिलाओं को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हैं। यहां जिन महिलाओं को डिलीवरी हो रही है उनको डिलीवरी के बाद जच्चा बच्चा को अलग से बेड भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। हालात ये हैं कि एक एक बेड पर दो दो प्रसूता महिलाएं और उनके दो दो बच्चों सहित चार चार लोगों को रखा जा रहा है। साथ ही अस्पताल में बिजली की व्यवस्था न होने से मरीजों को हाथ के पंखों का सहारा लेना पड़ रहा है।


उजागर हुई लापरवाही


महिला अस्पताल की ये लापरवाही उस समय उजागर हुई जब एटा के अपर जिला अधिकारी केपी सिंह ने बुधवार को एटा के जिला चिकित्सालय और महिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किया। इसके अतिरिक्त एटा जिला चिकित्सालय में सीएमएस सहित कई डॉक्टर अनुपस्थित मिले और कई कर्मचारी नदारद मिले। साफ-सफाई की व्यवस्था भी ठीक नहीं मिली। जिला अस्पताल में जिले की 23 लाख की आबादी पर एक मात्र ब्लड बैंक में मात्र 16 यूनिट ब्लड मिला जो कि किसी भी आपात व्यवस्था से निपटने में नाकाफी हैं । इसके अतिरिक्त जिला अस्पताल में मरीजो की भारी भीड़ देखने को मिली।


पाई गईं खामियां


इस अवसर पर एटा के अपर जिला अधिकारी प्रशाशन केपी सिंह ने अस्पताल प्रशासन को जल्द से जल्द व्यवस्थाएं सुधारने के निर्देश दिए हैं। एटा जिला अस्पताल में व्याप्त अनियमितताओं और लापरवाही को लेकर ये तीन दिन में दूसरा आकस्मिक निरीक्षण है। इससे दो दिन पूर्व एटा के जिला अधिकारी सुखलाल भारती ने इसी जिला चिकित्सालय का निरीक्षण किया था जिसमे अनेको खामियां और अनियमितताएं पाई गईं थी।