यूपी सरकार बेहतर और निशुल्क स्वास्थ्य सुविधा देने के दावे करती है, लेकिन गाजीपुर जिले में हकीकत इससे अलग ही नजर आ रही है. यहां जिला अस्पताल में मरीजों को एक्स रे और अल्ट्रासाउंड जैसे टेस्ट के लिए भी घंटों चक्कर काटने पड़ते हैं. मजबूरन मरीजों को अस्पताल के बाहर निजी पैथोलॉजी लैब जाकर टेस्ट कराना पड़ता है. इसके लिए उन्हें 400-500 रुपये तक देना पड़ता है.


कहा जाता है कि टेस्ट की पैसों में उन डॉक्टरों का कमीशन भी शामिल है जो मरीजों को जांच के लिए लिखते हैं. पैथोलॉजी वाले पूरे सम्मान के साथ उन डॉक्टरों तक उनका कमीशन पहुंचाते हैं. बता दें किजिला अस्पताल पर पूरे जनपद के मरीजों की जिम्मेदारी है. जब हम मंगलवार दोपहर यहां पहुंचे तो यहां के अल्ट्रासाउंड और एक्स-रे रूम में सब कुछ बंद मिला. यहां तक कि अल्ट्रासाउंड के रूम में दरवाजा भी बंद मिला. एक्स रे मशीन लावारिस हालत में पड़ी हुई थी. 


हैरानी की बात रही कि जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने ही मरीजों को बाहर टेस्ट करवाने के लिए लिखा था. अस्पताल के कर्मचारी ने बताया कि डॉक्टर सुबह आए थे. कुछ लोगों का अल्ट्रासाउंड भी किया, लेकिन आज उनकी ड्यूटी मेडिकल में भी लगी है जिसके लिए वह मेडिकल में हैं. 


वहीं जिला अस्पताल में आए लोगों ने बताया कि वह पिछले डेढ़ से 2 घंटे से अल्ट्रासाउंड कराने के लिए इंतजार कर रहे हैं, लेकिन कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिल रहा है. ऐसे में वह अब बाजार जाकर अल्ट्रासाउंड कराएंगे जिसके बदले उन्हें 400 से 500 रुपये देने पड़ेंगे.


क्या बोले सीएमएस?
वहीं, जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ राजेश सिंह ने बताया कि सुबह डॉक्टर आए थे और कुछ लोगों का उन्होंने टेस्ट भी किया भी है. उन्होंने कहा कि पिछले 2 घंटे से टेस्ट क्यों नहीं हो पा रहे हैं इसकी जांच की जाएगी.


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