Garhwal News: उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल से एक दिल देहरादून वाली घटना सामने आई है. जहां पर 5 साल के मासूम को गुलदार ने अपना निवाला बना लिया है. घटना रक्षाबंधन के दिन की बताई जा रही है. मासूम अपने माता-पिता के साथ अपनी नानी के घर रक्षाबंधन मनाने आया था. तभी इस मासूम बच्चे को गुलदार उठा ले गया. बाद में बच्चे का शव काफी दूरी पर जाकर झाड़ियां से बरामद किया गया है.


उत्तराखंड में गुलदार का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है. इसको लेकर समय-समय पर मांग उठती रही है कि इनकी संख्या का सटीक आंकड़ा निकल जाए और इनकी संख्या अधिक होने पर उनको पकड़कर अन्य राज्यों में भेजा जाए. इसको लेकर प्रदेश के वन मंत्री सुबोध निहाल भी कह चुके हैं कि लगातार लेपर्ड की बढ़ती संख्या चिंता का विषय बन सकती है. बता दें कि पहाड़ में गुलदार आतंक का सबब बने हुए हैं. उत्तराखंड का ऐसा कोई जिला नहीं जहां गुलदार के हमले की घटनाएं ना हुई हों. नरभक्षी गुलदार मारे भी जा रहे हैं, पर ज्यादातर जगहों पर अब भी गुलदार की दहशत कायम है. 


घटना के बाद गांव में दहशत का माहौल
पौड़ी जनपद के रिखणीखाल विकासखंड के गुठेरथा ग्राम पंचायत के तोक गांव कोटा में एक 5 साल के बच्चे को गुलदार ने निवाला बनाया. बच्चा अपनी मां के साथ रक्षाबंधन पर नानी के घर आया था. आदित्य पुत्र देवेंद्र सिंह को गुलदार घर के आंगन से उठाकर ले गया. घटना के बाद से परिजनों में मातम छाया हुआ है. गुठेरथा समेत आसपास के सैकड़ों ग्रामीण बच्चे की तलाश में जंगल और पूरा इलाका खंगाल रहे थे. सूचना मिलते ही पुलिस, प्रशासन वन विभाग की टीमें भी गांव में पहुंच गई. बीते देर रात्रि बच्चे का शव गांव से 1 किलोमीटर दूर मिला. वहीं घटना के बाद गांव में दहशत का माहौल है.


पांच साल के बच्चे को बनाया अपना शिकार
रक्षाबंधन पर्व पर वह अपने पांच साल के बेटे को लेकर अपने मायके कोटा गांव आई थी. दिनभर पूरे परिवार और गांव वालों के साथ उन्होंने उत्साह के साथ राखी का पर्व मनाया, देर शाम करीब सात बजे घर के पास घात लगाकर बैठे गुलदार ने बच्चे पर हमला कर दिया और जबड़े में दबोच कर झाड़ियों में लापता हो गया. घटना की सूचना ग्रामीणों ने लैंसडाउन तहसीलदार शालिनी मौर्य को दी. उन्होंने रिखणीखाल के थानाध्यक्ष संतोष कुमार को घटनास्थल के लिए रवाना करवाया. देखते ही देखते आसपास के सैकड़ों लोग बच्चे की तलाश में जुटे रहे.


गुलदार को पकड़ने के लिए टीम रवाना
ग्रामीणों ने बताया कि अर्चना का पति देवेंद्र सिंह उन्हें अपने वाहन से कोटा गांव के मुख्य मार्ग पर छोड़ गया था. मंगलवार सुबह उन्हें वापस उनेरी गांव लौटना था. रिजर्व फारेस्ट के डीएफओ अनिरुद्ध स्वप्निल ने बताया कि जैसे ही घटना की सूचना मिली वैसे ही विभाग की दो टीमों को घटना स्थल रवाना किया गया. उन्होंने बताया कि बच्चे का शव गांव से 1 किलोमीटर दूर झाड़ियों में मिला.अब ग्रामीण इस आदमखोर लेपर्ड को पकड़ने या मारने की प्लानिंग कर रहे है. इस इलाके में इस घटना के बाद से लोगों में दहशत का माहौल है. 


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